Ghazipur: बच्चों को पिलाई गई विटामिन 'ए' की खुराक
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले में बाल स्वास्थ्य पोषण माह 28 जुलाई से शुरू हो चुका है। इसका औपचारिक शुभारंभ शनिवार को नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हाथीखाना पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. हरगोविद सिंह ने बच्चों को विटामिन 'ए' की खुराक पिलाकर किया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि नौ माह से पांच साल तक के बच्चे विटामिन 'ए' की कमी से कई तरह की बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। जनपद में करीब 4.85 लाख बच्चों को विटामिन 'ए' की खुराक पिलाए जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसे सभी ब्लाक पर एएनएम, आशा व आंगनबाडी कार्यकर्ताओं द्वारा पिलासा जा रहा है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. उमेश कुमार ने बताया कि इस अभियान में नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को विटामिन 'ए' की खुराक से आच्छादित किया जाना है।
जिले में नौ माह से 12 माह के बच्चे जिनकी संख्या 26776 है, उन्हें आधा चम्मच, 16 माह से 24 माह के बच्चे करीब 1.15 लाख हैं। बताया कि विटामिन 'ए' शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक है। इसकी कमी स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए शरीर में किसी भी विटामिन की कमी नहीं होनी चाहिए। शरीर में विटामिन 'ए' की कमी है तो हरी सब्जियां व फल आदि खाकर इसकी पूर्ति की जा सकती है।
कार्यक्रम में डा. प्रगति कुमार, डा. एसडी वर्मा, यूनिसेफ के अजय उपाध्याय, डीसीपीएम अनिल वर्मा, न्यूट्रिशन इंटरनेशनल की अपराजिता सिंह, अर्बन हेल्थ कोऑर्डिनेटर अशोक, डा. इशानी वर्धन, सदर सीडीपीओ सोना सिंह व सहायक लेखाकार अमित राय के साथ ही अर्बन क्षेत्र की आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मौजूद रहीं।
विटामिन 'ए' की कमी से होने वाले रोग
विटामिन 'ए' की कमी से आंखों में रतौंधी (रात में दिखाई देने में मुश्किल), आंख के सफेद हिस्से में धब्बे तथा कॉर्निया सूखना शुरू हो जाता है। इसके बाद कॉर्निया में घाव हो जाते हैं और यह अपारदर्शी हो जाता है। ठीक इलाज के अभाव में इससे स्थाई अंधापन भी हो सकता है, जोकि सहसा दोनों आंखों में होता है। रात के समय चलने में लड़खड़ाना, टटोलना रतौंधी के लक्षण हैं। यह बीमारी विटामिन 'ए' से पूरी तरह से ठीक हो जाती है, लेकिन धब्बे उपचार के बावजूद भी बने रहते हैं।