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Ghazipur Me Ganga Ka Jal Star News: गाजीपुर जिले में बाढ़ का रुख घटाव की ओर, हजारों बीघा की खेती पूरी तरह से बर्बाद

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में गंगा के जलस्तर में बाढ़ का घटाव शुरू होने लगा है, लेकिन उससे हुए नुकसान से किसानों को उबरने में काफी समय लगेगा। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों की समस्या भी जस का तस है। मुहम्मदाबाद व जमानियां तहसील के बाढ़ इलाके में हजारों बीघा हरी सब्जी की खेती पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। करंडा व मुहम्मदाबाद ब्लाक क्षेत्र के बस्तियों में पानी घुसने से लोग सड़क के किनारे व सुरक्षित स्थानों पर जाकर शरण लिए हुए हैं।

मुहम्मदाबाद में बाढ़ के चलते तटवर्ती गांव सेमरा-शिवरायकापुरा, छानबे, पचासी, मुबारकपुर, शेरपुर कला, शेरपुर खुर्द, तमलपुरा, लालूपुर बाड़, जयनगर, बच्छलपुर, बसाउकापुरा के अलावा नगर का मठिया, नोनियापुरा मुहल्ला बाढ़ के पानी से घिरा है। सेमरा-शिवरायकापुरा गांव के लोग प्राथमिक विद्यालय व सड़क किनारे ठिकाना बनाए हुए है। मिट्टी तेल न होने से अंधेरे में जीवन यापन करना पड़ रहा है। बड़कीबारी गांव में पाकड़ का पेड़ हरिनारायण यादव के मकान पर गिर गया।

चारे की किल्लत

मलसा क्षेत्र में आई बाढ़ से आदमी के साथ पशुओं के चारे की किल्लत हो गई है। जंगीपुर विधायक डा. वीरेंद्र यादव की तरफ से बैकुंठपुर, घाटमपुर, भगीरथपुर आदि गांव के पशुपालकों के लिए निश्शुल्क भूसा का वितरण कराया गया। क्षेत्र के भारी संख्या में लोग भूसा के लिए पहुंच गए। ये भी पढ़े: क्या आपको पता है CTET और UPTET के इन नियमों में हुआ बड़ा बदलाव

नहीं मिला राहत सामग्री

करंडा में दीनापुर नहर पुलिया के पास रह रहे लोगों को अभी तक राहत सामग्री नहीं मिली है, न ही तिरपाल का वितरण हुआ है। सदर विधायक संगीता बलवंत धरम्मरपुर-जमानियां मार्ग पर लगे बाढ़ के पानी का निरीक्षण करने पहुंची तो ग्रामीणों ने धरम्मरपुर चट्टी से पक्का पुल तक सड़क को ऊंचाई बढ़वाने की मांग की।

खेतों में चल रहे नाव

रेवतीपुर सहित रामपुर, नरयनापुर, लखमीपुर, टौगा, हसनपुरा, वीरऊपुर, नसीरपुर, अठहठा, उतरौली, नवली, डेढगांवा, उधरनपुर, गोपालपुर, पकड़ी, कालूपुर, मेदनीपुर, ताड़ीघाट, पटकनिया, युवराजपुर बड़ौरा, पटखवलिया, कल्यानपुर, गौरा, नरयानापुर नगदिलपुर के सिवानो में गंगा का पानी पूरी तरह से फैल चुका है। खेतों में नाव चल रही है। किसानों के धान, ज्वार, बाजरा, कोहड़ी, भतुआ, मिर्च, टमाटर, केला के फसल बर्बाद हो चुके हैं।

मंगई में बढ़ाव से किसानों की फजीहत

भांवरकोल : क्षेत्र के शेरपुर एवं उससे संबंधित धर्मपुरा सेमरा, पचासी, सत्तर सहित कई पुरवों के अलावा फिरोजपुर, आमघाट, रानीपुर, महेशपुर द्वितीय, नकटीकोल, फखनपुरा, कबीरपुर, कुंडेसर, बकसपुरा, माढ़ूपुर, सोनाड़ी, भेलमपुर उर्फ पंडितपुरा, बढ़नपुरा, लोचाइन, दहिनवर, दोनपाह सहित अनेकों गांवों के किसान व पशुपालक परेशान हैं। सबसे ज्यादा नुकसान धान, टमाटर, मिर्च तथा केले की फसलों को हुआ है।

टूटी सड़कों से आवागमन खतरनाक

फिरोजपुर ,धर्मपुरा, सत्तर, पचासी, सेमरा, शेरपुर, किशुनपुरा, अवथहीं, सरदरपुर, सियाड़ी सहित अन्य गांवों की सड़कों के ऊपर सें बाढ़ का पानी तेज गति से बहने के कारण सड़कें टूट गई हैं। कहीं कहीं तो टूटी सड़कें गढ्ढों में तब्दील हो गई हैं। सड़कों के ऊपर पानी होने के कारण टूटी सड़कें दिखाई नहीं दे रही हैं और यात्री गिरकर चोटिल हो जा रहे हैं।

बाढ़ के कारण पानी आ रहा मटमैला

खानपुर क्षेत्र शादीभादी, पटना, खरौना, कुसही, गौरहट, तेतारपुर, सिधौना सहित दर्जनभर गांवों में नदी का पानी घुसने से स्थिति संकटमय हो गई है। छोटी-मोटी जरूरतों के लिए नाव और हवा भरे ट्यूब के सहारे पानी पार कर रहे हैं। किसी मरीज को इलाज कराने के लिए लेकर जाना हो तो डीजल नौका ही एकमात्र सहारा है। बाढ़ की पानी और जलस्तर में मटमैला पानी आने से कई गांवों में पीने के पानी का संकट खड़ा हो गया है।

खतरनाक छलांग लगा रहे लड़के

भदौरा में ग्रामीण इलाकों के तमाम युवकों ने बाढ़ को एडवेंचर स्पोर्ट्स में तब्दील कर रखा है। बारा-कुतुबपुर गांव को जोड़ने वाले पुल पर जाकर उफनाती कर्मनाशा में कूद रहे हैं। छलांग लगा रहे हैं, उछल रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि उन्हें न अपनी फिक्र है न परिवार की। आपदा की ऐसी स्थिति में लापरवाह युवक एवं किशोर जान की परवाह किए बगैर पुल से कूद कर गहरे पानी में मौज मस्ती करते दिखे। वहीं, प्रशासन व स्वजन इससे बेखबर हैं।

गाजीपुर में घटने लगा गंगा का जलस्तर 

गाजीपुर में गंगा का जलस्तर शनिवार की सुबह आठ बजे से एक सेंटीमीटर प्रति घंटे घट रहा है। गंगा के तटवर्ती गांवों के लोगों ने इससे राहत की सांस ली है। हालांकि दुश्वारियां बरकरार हैं। पिछले कई दिनों से गंगा और सहायक नदियां कहर बरपा रही थीं। 

इसके चलते जहां शहर के गंगा घाटों की सीढ़ियां डूब गई थीं, वहीं कई शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में पानी घुसने के कारण परेशानी बढ़ गई थी। शुक्रवार शाम को पानी में ठहराव आने के बाद शनिवार सुबह से पानी घटने लगा। दोपहर बाद तीन बजे जलस्तर 64.640 मीटर रिकार्ड किया गया। ये भी पढ़े: बलिया जिले के इन 16 गांवों से गुजरेगा बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे, जमीनें अधिग्रहित की जाएंगी

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