गाजीपुर जिले में 32 गांवो की डेढ़ लाख की आबादी प्रभावित : सीएम योगी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने व अधिकारियों संग राहत एवं बचाव कार्यों का मंथन करने के बाद मीडिया कर्मियों से मुखातिब हुए। बताया कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा से अत्यधिक जल छोड़े जाने के कारण गंगा, यमुना एवं अन्य नदियों में बाढ़ की समस्या हुई है। जिले में बाढ़ के कारण 32 राजस्व ग्राम की करीब डेढ़ लाख की आबादी प्रभावित हुई है।
उन्होंने बताया कि बाढ़ से प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में जिला प्रशासन द्वारा प्रत्येक बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। युद्ध स्तर पर कार्य चल रहे हैं।
गाजीपुर जनपद के बाढ़ प्रभावित ग्रामों में एसडीआरएफ/एनडीआरएफ व पुलिस बल की तैनाती की गई है। पुलिस द्वारा लगातार पेट्रोलिग की जा रही है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है। लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं तथा बाढ़ राहत शिविरों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला आरक्षियों की तैनाती की गई है। जिन-जिन परिवारों के घरों में बाढ़ का पानी भर गया गया है उन्हें राहत शिविरों में लाकर सहायता दी जा रही है।
राहत सामग्री एवं फूड पैकेट्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं। बताया कि जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि हर एक बाढ़ प्रभावित ग्रामों में नामित नोडल अधिकारी की तैनाती को और पुख्ता किए जाने की आवश्यकता है। प्रभावित परिवारों में राहत सामग्री पर्याप्त एवं समय से वितरित किए जाने के लिए निर्देशित किए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि रात से ही नदी का पानी स्थिर हुआ है तथा पानी बढ़ने की संभावना कम हुई है। इसमें अभी और सतर्कता बरतने की जरूरत है। विधान परिषद सदस्य विशाल सिंह चंचल, जमानियां विधायक सुनीता सिंह, विधायक मुहम्मदाबाद अलका राय, विधायक सदर संगीता बलवंत, जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह, पिछड़ा वर्ग के उपाध्यक्ष प्रभुनाथ चौहान, जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह आदि रहे।
कटान अवरोधक कार्य में तत्परता बरतने के निर्देश
गंगा का पानी अब स्थिर है, ऐसे में तटवर्ती इलाकों में कटान का खतरा बढ़ सकता है। इसको लेकर मुख्यमंत्री ने सिचाई विभाग के अधिकारियों को पूर्व में ही कटान अवरोधक कार्य तत्परता के साथ पूर्ण कराने का निर्देश दिया। कहा कि इसके लिए धन की भी कोई कमी नहीं है। इसमें किसी स्तर की कोताही न बरती जाए। उन्होंने जिला जनप्रतिनिधियों से बिना भेदभाव के बाढ़ प्रभावित लोगों से मिलकर उन्हें राहत सामग्री वितरण करने को कहा।