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गाजीपुर में गंगा नदी खतरे के निशान पार 64.050 मीटर ऊपर बह रहा पानी - Ganga water level in Ghazipur Today News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले में गंगा नदी का रौद्र रूप देख तटवर्तियों में काफी भय बन गया है। बाढ़ का पानी तेजी से बढ़ रहा है। इसके चलते तटों पर रहने वाले लोग धीरे-धीरे पलायित होने लगे हैं। शहर स्थित जल बोर्ड कार्यालय के कर्मचारी हसनैन अहमद ने सोमवार को बताया कि शाम 4:00 बजे तक 64.050 मीटर ऊपर गंगा का पानी बह रहा था। जबकि गंगा शनिवार को ही खतरे के निशान 63.105 को पार गयी थी। पानी में अभी भी लगातार बढ़ाव जारी है। शहर के सभी घाटों पर नौव के साथ नाविकों को लगा दिया गया है। वहीं शहर के अधिकांश घाटों की सीढ़ियां डूब गयी हैं। इससे यहां आने वाले स्नानार्थी घाटों के ऊपर बैठकर स्नान करते व पूजा-पाठ करते देखे गये।

Ganga water level in Ghazipur Today News

गाजीपुर शहर के पोस्ताघाट, अंजही घाट, खिड़कीघाट, चीतनाथ घाट, गोलाघाट, कलक्टरघाट, ददरीघाट, कंकड़वाघाट, सिकंदरपुरघाट, बड़ा महादेवाघाट आदि घाट डूबने के कगार पर पहुंच गये हैं। जल बोर्ड के कर्मचारी हसनैन अहमद ने बताया कि गंगा का जल स्तर प्रतिघंटे एक सेंटीमीटर के हिसाब से बढ़ रहा है। गंगा से जुड़े शहर के सभी बड़े नाले भर गये हैं। बंधवा स्थित डीएम आवास के समीप बड़ा नाला लबालब हो गया है। 

यहां स्थित कई घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से नाव के जरिये लोग आ-जा रहे हैं। वहीं सामानों को छतों व ऊपर के मंजिलों में सीफ्ट कर दिया गया है। पानी का बढ़ाव लगातार जारी है। इसे लेकर शहर के निचले इलाकों में भी पानी पहुंचने का खतरा बढ़ गया है। शहर के श्मशान घाट के ऊपर तक पानी पहुंच गया है। इससे यहां अंतिम संस्कार के लिए पहुंचने वाले लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। 

यहां श्मशान घाट के ऊपर शव का दाहसंस्कार किया जा रहा है। वहीं बाढ़ को देखने के लिए भी जगह-जगह लोगों का हुजूम पहुंच रहा है। सुरक्षा के लिहाज से कई जगहों पर पुलिस के जवान को तैनात कर दिया गया है। वहीं जिले के सभी तटवर्ती गांवों में गंगा का पानी तेजी से प्रवेश करने लगा है। कहीं खेत डूबने लगे हैं, तो कइयों के आशियाने पानी से घिर गये हैं। लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। 

कई लोग घर छोड़कर अन्यत्र सुरक्षित स्थानों की ओर पलायित हो गये हैं। जिले में गंगा से जुड़ी सहायक नदियों का पानी भी उफान मार रहा है। बेसो, टोंस आदि सभी नदियों का पानी भी बढ़कर तटवर्ती गांवों में प्रवेश करने लगा है। कई जगहों के संपर्क मार्ग तक बंद हो गये हैं। ग्रामीण नाव के सहारे इधर-उधर आ जा रहे हैं। 

जगह-जगह प्रशासन की तरफ से बाढ़ राहत केन्द्र भी बना दिये गये हैं, जहां लगातार अधिकारी व कर्मचारी चक्रमण कर बाढ़ का जायजा ले रहे हैं। उफनती गंगा में बाढ़ से तबाही का मंजर धीरे-धीरे नजर आने लगा है। हजारों एकड़ खेतों में फसल डूब गयी हैं। तेजी से जिले के कई तटवर्ती गांवों में कटान का सिलसिला जारी है। गंगा का पानी पूरी तरह मटमैला है और इसके ऊपर काफी सूख चुके जलकुंभी भी बह रहे हैं।

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