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गाजीपुर में आ गई बाढ़! 12 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा गंगा नदी का जलस्तर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले में गंगा नदी का जलस्तर 12 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। सोमवार को दोपहर दो बजे तक गंगा का जलस्तर 59.620 मीटर रिकार्ड किया गया जबकि रविवार को गंगा 57.610 मीटर पर बह रहीं थीं। यदि यही रफ्तार बनी रही तो दो दिनों में गंगा का खतरे के निशान 63.105 को पार कर जाएंगी। उधर, जिला प्रशासन ने सतर्क रहने को कहा है। गंगा की रफ्तार को देखकर तटवर्ती इलाकों के लोगों की धुकधुकी बढ़ने लगी है।

गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। गंगा घाटों की सीढि़यां डूबनी शुरू हो गई हैं। नगर के ददरीघाट, पोस्ता घाट, स्टीमरघाट, महादेवा घाट, चीतनाथघाट सहित सभी घाटों पर पानी चढ़ना शुरू हो गया है। सभी घाटों का फर्श डूब चुका है। इसके अलावा गंगा का पेटा भरना शुरू हो गया है। रेवतीपुर, सुहवल आदि क्षेत्रों के लोग सतर्क हो गए हैं। मुहम्मदाबाद के शिवराय का पूरा, सेमरा, बच्छलपुरा आदि क्षेत्रों में कटान का खतरा पैदा हो गया है। ग्रामीणों का मानना है कि इस बार फिर गंगा में उनकी कृषि योग्य उपजाऊ भूमि गंगा में समाहित हो जाएगी।

कलेक्टर घाट की चार सीढि़यां डूबीं

गंगा का जलस्तर बढ़ने से कलेक्टर घाट की चार सीढि़यां डूब चुकी हैं। इसके अलावा अन्य घाटों की भी यही स्थिति है। गंगा के बढ़ने की रफ्तार को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है शाम तक कई सीढि़यां पानी डूब जाएंगी। उधर, श्मशान घाट पर नीचे के बजाय अब ऊपर शवदाह होने लगे हैं। गाजीपुर जिले में उच्च स्तर की बनी 670 बाढ़ चौकियां

बाढ़ से निबटने के लिए जिला प्रशासन ने 670 चौकियों के लिए स्थान चिन्हित किया है। एडीएम राजेश कुमार ने बताया कि बाढ़ की देखते हुए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कुछ चौकियां काम करने लगी हैं। सभी एसडीएम को जरूरी निर्देश दे दिए गए हैं कि सभी अपने क्षेत्रों में मानीटरिग करते रहें। इसके अलावा सभी लेखपालों को भी एलर्ट रहने का निर्देश दे दिए गए हैं। अभी फिलहाल नावों के संचालन पर रोक नहीं लगाई गई है, लेकिन उनको भी सतर्क रहने को कहा गया है।

नदियों के जलस्तर बढ़ने से बढ़ने लगी बेचैनी

गाजीपुर जिले के खानपुर में गंगा के जलस्तर में वृद्धि को देख एक बार फिर तटवर्ती इलाके के ग्रामीणों की बेचैनी बढ़ने लगी है। नदियों में पानी बढ़ते देख दिनभर में तीन से चार बार नाविकों को अपने नौका उपर चढ़ाने पड़ रहे हैं। धोबी पत्थर के अपने वजनी पाट को नदियों के किनारे से दूर रख कपड़े धोना बंद कर दिए हैं। 

किसानों के दलहन सहित सब्जियों के सफल डूबने लगे हैं। पानी बढ़ने के साथ हो रहे बूंदाबांदी में मछुआरों ने मछली पकड़ना बंद कर अपने खेत और घर को सम्भालने में लग गए हैं। सब्जियों की फसल डूबने से खेतिहर किसान हरे फसल काटकर पशुओं का चारा बना रहे हैं। गंगा नदी किनारे के आधा दर्जन गांव और गोमती किनारे के दर्जनभर गांवों के लोग बाढ़ की आशंका से तैयारी और बचाव के उपायों में जुट गए हैं।

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