विधानसभा चुनाव से पहले दलित, पिछड़े और मुस्लिम गठजोड़ पर चर्चाएं तेज, ओवैसी व राजभर के साथ दिखे चन्द्रशेखर
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल अपने-अपने सियासी समीकरण बैठाने में लगे हुए हैं। इसी कड़ी में आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर व भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर से मुलाकात की। चुनाव से पहले इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। इसे दलित, पिछड़े व मुस्लिम वोट बैंक के गठजोड़ के रूप में भी देखा जा रहा है। वहीं, चन्द्रशेखर ने शुक्रवार रात प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के नेता शिवपाल यादव से भी मुलाकात की। गैर भाजपा गठबंधन पर दोनों नेताओं के बीच बात हुई।
शुक्रवार को लखनऊ में हुई इस मुलाकात के बाद एआइएमआइएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्विटर अकाउंट से फोटो भी शेयर की। इस तस्वीर के आते ही तीनों दलों के एक साथ आने की अटकलें तेज हो गईं हैं। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि ओम प्रकाश राजभर की अगुवाई में बने भागीदारी संकल्प मोर्चा में चन्द्रशेखर की आजाद समाज पार्टी भी शामिल हो सकती है। ओवैसी की पार्टी पहले से ही इस गठबंधन में शामिल है।
यह भी कहा जा रहा है कि अगर ये तीनों दल एक साथ आते हैं तो विधानसभा चुनाव में कई पार्टियों के लिए राजनीतिक समीकरण बदल जाएंगे। यादव, मुस्लिम व पिछड़े वोट बैंक के सहारे यूपी की गद्दी पर बैठने का ख्वाब संजोए सपा अध्यक्ष अखिलेश पर भी इस संभावित गठबंधन का प्रभाव पड़ सकता है। भीम आर्मी के कारण बसपा को भी दलित वोटों का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
हम भाजपा को हराना चाहते : एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में लखनऊ आए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि विधानसभा चुनाव में भाजपा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए तालिबान-तालिबान करेगी। वहीं, जब सपा सत्ता में आती है तो वह 'एम' (मुस्लिम) को भूल जाती है, उन्हें सिर्फ 'वाई' (यादव) याद रहता है। हम भाजपा को हराना चाहते हैं। यह भी चाहते हैं कि योगी दोबारा सीएम न बनें। भाजपा की बी टीम व वोटकटवा पार्टी के आरोपों पर ओवैसी ने कहा कि यह समझना होगा कि सपा ने रामपुर व सम्भल जैसी सीटों को कैसे जीता, क्या उस समय हम वोट कटवा थे।
भाजपा में पिछड़े समाज के नेता लोडर हैं, लीडर नहीं : सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि हमारे पास तीन विकल्प हैं सपा, बसपा व कांग्रेस। सात सितंबर के बाद हम अभियान चलाएंगे, फिर तय करेंगे कि हम किसके साथ चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि भाजपा के साथ हरगिज नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा में पिछड़े समाज के नेता लोडर हैं, लीडर नहीं। पिछड़े समाज के नेताओं को उचित सम्मान न मिलने का भाजपा पर आरोप लगाते हुए राजभर ने कहा कि सरकार में सहयोगी रहते हुए उनके साथ भी भेदभाव किया जाता रहा।
बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी आजाद पार्टी : आजाद समाज पार्टी के संस्थापक चन्द्रशेखर ने कहा कि उनकी पार्टी 2022 में एक बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। उन्होंने कहा कि यह तो समय बताएगा कि किसका वोट कटेगा, किसका बंटेगा। हम हर जिले में 300 यूनिट तैयार करेंगे, उनकी तीन दिन ट्रेनिंग कराएंगे। इसके बाद यह टीम जनता के बीच जाएगी और मौजूदा सरकार की नाकामियां बताएगी।