बिना पढ़ाए ही मिलेगी बीएड डिग्री, टीईटी, टीजीटी व पीजीटी क्वालीफाई कर छात्र बन जाएंगे शिक्षक
गाजीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर. बच्चों को एक पीरियड भी नहीं पढ़ाया और पढ़ाने के योग्य बन जाएंगे हजारों छात्र-छात्राएं। जी हां, इस वर्ष बीएड की डिग्री लेने वाले छात्र-छात्राएं भविष्य में टीईटी, टीजीटी व पीजीटी क्वालीफाई कर विभिन्न स्कूलों में शिक्षक बन जाएंगे। इन्हें सिर्फ किताबी ज्ञान तो होगा लेकिन पढ़ाने का अनुभव नहीं। ऐसे में ये शिक्षक कितना सफल होंगे, यह तो भविष्य बताएगा लेकिन देश के भविष्य को देखते हुए एक बड़ा सवाल जरूर खड़ा हो रहा है।
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) से संबद्ध विभिन्न महाविद्यालयों में बीएड का कोर्स संचालित होता है। दोवर्षीय इस कोर्स में छात्रों को पढ़ाने से संबंधित जानकारी देने के साथ स्कूल में टीचिंग भी कराई जाती है मगर, कोरोना संक्रमण के कारण इस वर्ष बीएड अंतिम वर्ष की परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं ने टीचिंग नहीं की। अब विवि प्रशासन ने टीचिंग का प्रैक्टिकल लेने से भी मना कर दिया है।
इन छात्रों को सिर्फ लिखित परीक्षा (ओएमआर बेस्ड) के आधार पर ही सभी में अंक देकर डिग्री दी जाएगी। एनसीटीई के मानक के अनुसार बीएड में पांच माह की टीचिंग अनिवार्य है। जबकि इस बार टीचिंग तो दूर एक भी क्लास तक नहीं लगी है। कानपुर विश्वविद्यालय स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ (कुसफ्टा) के अध्यक्ष व बीएड के प्रशिक्षक डॉ. कमलेश यादव ने कहा कि बिना टीचिंग किए बीएड की पढ़ाई पूरी होना गलत है। विवि को टीचिंग प्रैक्टिकल कराने को लेकर ज्ञापन भी दिया गया है।