महिला शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से मांगी 3 दिनों का पीरियड अवकाश, ऑनलाइन मीडिया पर #पीरियडलीव का चलाया अभियान
गाजीपुर न्यूज़ टीम, आजमगढ़. वूमेन टीचर्स एसोसिएशन आफ उत्तर प्रदेश (उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ) के तत्वाधान में प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना मौर्य के नेतृत्व में प्रदेश की महिला शिक्षकों ने रविवार को आनलाइन अभियान छेड़ा। समस्त महिला शिक्षकों एवं अन्य महिला कर्मियों को पीरियड की समस्या पर माह में तीन दिन का पीरियड लीव देने के लिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित करते हुए ट्विटर मांग के समर्थन में महाअभियान चलाया।
अभियान में महिलाएं अपनी मांग को लेकर जागरूक रहीं। रविवार सुबह दस बजे से दोपहर एक बजे तक ट्विटर पर #पीरियडलीव के अंतर्गत महाअभियान चलाया गया। इसमें प्रदेशभर की महिला शिक्षिकाओं और महिला कर्मियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
तीन घंटे में पौने दो लाख से अधिक लोगों ने ट्वीट कर अपनी मांग को मुख्यमंत्री तक पहुंचाया गया। महिला शिक्षकों ने कहा कि मुख्यमंत्री शीघ्र ही यथोचित घोषणा उक्त विषय के संदर्भ में अवश्य करेंगे। मुख्यमंत्री जी के द्वारा इस समय प्राथमिकता के साथ महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में मिशन शक्ति के संबंध में पुरजोर कार्य किया जा रहा है।
कहा कि पीरियड लीव के ट्विटर अभियान पर मिले लाखों की संख्या में समर्थन से सर्व भौमिक स्पष्ट होता है कि यह यथोचित मांग है।, हम सभी पूर्ण आश्वस्त है कि सभी महिला कर्मियों को मुख्यमंत्री के द्वारा माह में तीन दिन के पीरियड लीव के संदर्भ में जरूर घोषणा करेंगे।
भारत में कई प्राइवेट कंपनियां महिलाओं को पीरियड लीव देती हैं। इसके अलावा बिहार राज्य में आज से 30 साल पहले ,1992 से यह लीव वहां के समस्त महिला कर्मियों एवं शिक्षिकाओं को दी जा रही थी। पीरियड लीव एक प्राकृतिक समस्या है जिसमें महिलाओं शिक्षिकाओं को एवं अन्य कर्मियों को काफी दूर तक घंटों यात्रा भी करनी पड़ती है। ऐसे में उनका स्वास्थ प्रभावित होता है। इन दिनों में डॉक्टरी सलाह है कि ऐसे में आराम करना चाहिए। इन्हीं सब कारणों और जरूरतों के लिए ही प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना मौर्य के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ की कार्यकारिणी ने मुख्यमंत्री से मांग किया है कि प्रदेश के समस्त महिला कर्मियों को माह में तीन दिन का पीरियड लीव देने का शासनादेश जारी हो।