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उत्तर प्रदेश के हाईवे जीरो एक्सीडेंट जोन में तब्दील होंगे, एनएचएआई ने सेव लाइफ फाउंडेशन से किया करार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. एनएचएआई ने सूबे के सभी हाईवे को जीरो एक्सीडेंट जोन में तब्दील करने की कार्ययोजना बनाई है। इसके लिए एनएचएआई ने सेव लाइफ फाउंडेशन से करार किया है। पहले चरण में आगरा से इटावा और इटावा से चकेरी दो सेक्टर को लिया गया है। इन दोनों सेक्टरों का सर्वे भी फाउंडेशन ने पूरा कर लिया है। वाहनों को एक्सीडेंट से बचाने के लिए ही रेस्क्यू आपरेशन का ब्लू प्रिंट भी लागू किया जाएगा। इन दोनों सेक्टरों के बाद कार्ययोजना को लखनऊ हाईवे, वाराणसी हाईवे के बाद पूर्व और पश्चिमी क्षेत्र के हाईवे पर लागू किया जाएगा। 

अब चकेरी से आगरा तक सभी खतरनाक कट बंद किए जाएंगे। उल्टी दिशा में जाने वाले वाहनों को रोकने के लिए बेरीकेडिंग के साथ भारी चालान किया जाएगा। यह चालान एक बार में 10 हजार भी हो सकता है। नहीं देने पर वाहन जब्त किया जाएगा। हाईवे पर अवैध पार्किंग और वाहनों को खड़ा करने पर भी पाबंदी लगाई जाएगी। 


साथ ही हाईवे एक्सीडेंट के समय त्वरित राहत कार्य करने के लिए अलग नीति बनेगी। हाईवे पर एम्बुलेंस की चेन तैनात होगी और घायलों को ट्रामा सेन्टर में बेहतर सुविधाएं मिलें, इसके लिए एनएचएआई ने हैलट, उर्सला, कांशीराम अस्पताल के अलावा औरैया के जिला अस्पताल को चुना है। इनके लिए अलग से नोडल अधिकारी नामित करने का प्रस्ताव किया गया है। हैलट के प्रमुख अधीक्षक प्रो.आर के मौर्य ने प्रस्ताव मिलते ही न्यूरो सर्जरी हेड डॉ.मनीष सिंह को नोडल अधिकारी बना दिया है। इन सभी अस्पतालों में ट्रामा सुविधाएं अपग्रेड की जाएंगी ताकि हाईवे के घायलों को वहीं पर इलाज मिल सके। 


रात में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं

सेव लाइफ फाउंडेशन के सर्वे में सामने आया है कि आगरा-चकेरी के बीच सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं रात के समय होती हैं। भोर और सुबह के समय भारी वाहनों के ड्राइवर झपकी के चलते डिवाइडर या रिटेनिंग वॉल से टकरा जाते हैं। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पंकज मिश्र का कहना है कि हाईवे को जीरो एक्सीडेंट जोन बनाने के लिए ही सेव लाइफ फाउंडेशन के साथ एमओयू किया गया है। हाईवे पर सफर को बेहतर बनाने के उपाय किए जा रहे हैं। सुविधाओं के लिए अलग मानीटरिंग की जा रही है। कार्ययोजना से हाईवे पर कुछ महीने में ही बदलाव देखा जा सकेगा।

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