यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए नई गाइडलाइन, एक बूथ पर रहेंगे 1200 वोटर
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. कोरोना संक्रमण को देखते हुए उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रत्येक पोलिंग बूथ पर अधिकतम 1200 मतदाता ही मतदान कर सकेंगे। पहले एक पोलिंग बूथ पर 1500 मतदाताओं की संख्या होती थी। बिहार और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में भी 1200 मतदाता प्रति बूथ के मानक से कराए गए थे। इससे मतदान के लिए बूथों पर भीड़ कम लगेगी।
नई दिल्ली में बुधवार को हुई भारत निर्वाचन आयोग की बैठक में उत्तर प्रदेश के अलावा पंजाब, उत्तराखंड, गोवा व मणिपुर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ल के अलावा संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी रमेश चन्द्र राय शामिल हुए।
भारत निर्वाचन आयोग की बैठक में यूपी के निर्वाचन अधिकारियों को विधानसभा चुनाव में गड़बड़ियों की शिकायतों के त्वरित निस्तारण व प्रभावी कार्रवाई पर खास ध्यान देने निर्देश दिए गए। प्रत्येक बूथ पर मतदाताओं की संख्या 1200 होने से प्रदेश में पोलिंग बूथ व पोलिंग सेंटर की संख्या बढ़ जाएगी। इसके लिए अभी से तैयारियां करने को कहा गया है। प्रदेश में इस समय करीब 1.65 लाख पोलिंग बूथ हैं, जिनसे 14.50 करोड़ से अधिक मतदाता जुड़े हैं।
समीक्षा बैठक में मतदान केंद्रों पर न्यूनतम सुविधाएं, मतदाताओं के पंजीयन में आसानी, मतदाता सूची, शिकायतों का समय पर निस्तारण, इलेक्ट्रानिक वोटिंग व पेपर ट्रेल मशीनों की व्यवस्था, 80 वर्ष व उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग लोगों के लिए डाक मतपत्र सुविधा सहित विभिन्न मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, कोविड शमन योजना, मतदान कर्मचारियों का प्रशिक्षण व व्यापक मतदाता पहुंच आदि विषयों पर भी चर्चा की गई।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि पारदर्शिता व निष्पक्षता चुनाव प्रक्रिया की पहचान है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य में मुद्दे और चुनौतियां अलग हो सकती हैं, लेकिन चुनाव योजना में सभी हितधारकों को शामिल करते हुए मतदाता केंद्रित दृष्टिकोण और भागीदारीपूर्ण निर्णय लेने की आवश्यकता होती है।
उल्लेखनीय है कि गोवा, मणिपुर, पंजाब और उत्तराखंड की विधानसभाओं का कार्यकाल मार्च 2022 में अलग-अलग तारीखों पर खत्म हो रहा है, जबकि उत्तर प्रदेश का कार्यकाल मई में समाप्त होगा। पांचों राज्यों में चुनाव अगले साल की शुरुआत में एक साथ हो सकते हैं।