यूपी में एक दिन में रिकॉर्ड 512 मिलियन यूनिट बिजली की सप्लाई और गाजीपुर में बेहिसाब बिजली कटौती
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ/गाजीपुर. राज्य की जनता को तय रोस्टर के मुताबिक बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए उ.प्र. पावर कारपोरेशन लि. ने सात जुलाई दिन बुधवार को रिकॉर्ड 512 मिलियन यूनिट बिजली की सप्लाई की। एक साल के अंदर ही औसतन बिजली सप्लाई में करीब 29 मिलियन यूनिट की वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष अप्रैल, मई, जून व जुलाई में जहां औसतन सप्लाई 330 मिलियन यूनिट प्रतिदिन थी इस वर्ष इन महीनों में 359 मिलियन यूनिट प्रतिदिन औसतन सप्लाई किया जा रहा है।
उ.प्र. पावर कारपोरेशन लि. के चेयरमैन एम. देवराज ने उपरोक्त जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के निर्देशों के क्रम में जनता को रोस्टर के मुताबिक निर्बाध बिजली देने का काम किया जा रहा है। मांग के मुताबिक सप्लाई दिए जाने से ही बिजली सप्लाई का रिकार्ड 512 मिलियन यूनिट पर पहुंचा है।
रिकॉर्ड अधिकतम मांग 24574 मेगावाट तक पहुंची
उन्होंने बताया है कि जून 2020 में औसतन सप्लाई 393 तथा जुलाई 2020 में 417 मिलियन यूनिट प्रतिदिन था। जबकि इस बार जून 2021 में 399 तथा जुलाई 2021 में 482 मिलियन यूनिट औसतन प्रतिदिन विद्युत सप्लाई की जा रही है। वर्ष 2020 में अधिकतम विद्युत सप्लाई 23667 मेगावाट तक गई थी इस वर्ष 2021 में अधिकत सप्लाई 24574 मेगावाट तक गई है। राज्य में कम बारिश होने और अधिक उमस के कारण बिजली की मांग में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इस समय मांग 25000 मेगावाट तक पहुंच रही है।
गाजीपुर जिले में बेहिसाब बिजली कटौती
वहीं गाजीपुर जिले भर में विद्युत कर्मियों की लापरवाही से बुधवार को पूरी रात घंटों देर तक बिजली कटौती होती रही। इसके चलते उपभोक्ताओं में जबरदस्त आक्रोश देखा गया। गर्मी व उसम से जहां लोगों का जीना हराम हो गया है, ऐसे में बिजली की बदइंजामी आग में घी डालने का काम कर रही है। बिजली जब 22 से 24 घंटे तक दिये जाने की बात की जाती है, तो मटका सीधे ऊपर के अधिकारियों पर फोड़ दिया जाता है कि यह कटौती ऊपर के आदेश पर किया जा रहा है, इसमें हम क्या कर सकते हैं।
उपभोक्ताओं का कहना है कि वर्तमान सरकार में भी लोगों के पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है। जबकि यह सरकार हमेशा शहर व ग्रामीण क्षेत्रों को 22 से 24 घंटे बिजली दिलाने का ढपोरशंख फूंकती रहती है। वहीं आदेश को ताक पर रखकर बिजली विभाग के अधिकारी कर्मचारी भी खूब मनमानी कर रहे हैं। अक्सर गर्मी के मौसम में अधिक लोड बढ़ जाना, कम बिजली मिलना आदि कई बहाने बनाने लगती है।