Ghazipur: अपराधी थे जिलाबदर तो कैसे मिल रहे घर में, गाजीपुर पुलिस का सूचना तंत्र है फेल
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. करीमुद्दीनपुर में जिस तरीके से जिलाबदर मेहरूद्दीन उर्फ नन्हें खां की गिरफ्तारी के बाद एसपी डा. ओमप्रकाश सिंह ने एसओ को निलंबित करते हुए सभी को सख्त निर्देश दिया था उसका असर इस कदर दिखेगा अंदाजा नहीं था। सैदपुर, करंडा में पिछले सप्ताह दो जिलाबदर अपराधियों का घर पर आराम फरमाते फिर अब गहमर में ऐसे ही अपराधी का मिलना कोई आम बात नहीं है। आखिर अब तक वह कैसे घरों पर रहे रहे थे और पुलिस को भनक तक नहीं थी। यह सूचना तंत्र का फेल्योर माना जाएगा या पुलिस की अपराधियों से सांठ-गांठ। यह अहम, गंभीर और बड़ा सवाल है।
एसपी की सख्ती पर पुलिस की तंद्रा टूटी और वह हरकत में आई। हालांकि अपराधी इसे हल्के में लिए। इसी वजह से एक-एक कर चार जिला बदर हाल के दिनों में धर दबोचे गए। सीओ से क्रास चेकिंग भी काफी कारगर रहा। कार्रवाई के भय से पुलिस ने अभियान छेड़ा वह उसी का नतीजा है, लेकिन सवाल है कि आखिर यह अब तक क्यों नहीं हो रहा था। बहरहाल अब तक कई पकड़े गए। इसमें दिलदारनगर पुलिस ने 11 जून को जिला बदर फतेहपुर गांव निवासी साधु यादव को गिरफ्तार कर जेल भेजा।
इसी तरह गहमर कोतवाली पुलिस ने हजूरी राव पट्टी निवासी गोविंदा सिंह को गांव के रामचबूतरा के पास से बुधवार की सुबह गिरफ्तार कर जेल भेजा। करंडा पुलिस द्वारा दो सप्ताह के अंदर जिला बदर घोषित किए गए अभियुक्त सुनील बिंद निवासी ग्राम बेलसड़ी व विक्की सिंह निवासी ग्राम दामोदर पुर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इतनी गिरफ्तारियां बताती हैं कि पुलिस अधीक्षक ने सख्ती न दिखाई होती तो यह घर पर ही मौज-मस्ती करते रहते। आखिर में अब तक यह घरों में कैसे रह रहे थे। इन पर पुलिस की नजर थी यह वह जानबूझकर आंख मूदे हुए थी। इसकी भी पड़ताल होनी चाहिए।
कई जिलाबदर अपराधी हाल में पकड़े गए हैं जो यहीं रह रहे थे
कई जिलाबदर अपराधी हाल में पकड़े गए हैं जो यहीं रह रहे थे। ऐसे लोगों को जेल में भेज दिया गया है। हम अब भी निगरानी कर रहे हैं, साथ हीं क्रास चेकिंग अभियान जारी है सीओ स्तर से। कहीं किसी भी पुलिस कर्मी की तनिक लापरवाही या संलिप्तता मिली अपराधियों से तो वह बचेगा नहीं।-डा. ओमप्रकाश सिंह, पुलिस अधीक्षक।