वाराणसी से दिल्ली के बीच बुलेट ट्रेन के लिए 800 किमी तक रेल कॉरीडोर का सर्वे पूरा, अब वाराणसी-हावड़ा रूट का काम होगा शुरू
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी और दिल्ली के बीच बुलेट ट्रेन के लिए 800 किमी तक रेल कॉरीडोर के लिए सभी सर्वे पूरे हो चुके हैं। रिपोर्ट के अध्ययन के बाद अगस्त के अंत तक इसे मंत्रालय को सौंपा जाएगा। वहां से स्वीकृति मिलते ही हाईस्पीड रेल कॉरपोरेशन परियोजना का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर टेंडर जारी होगा।
रेल कॉरिडोर के लिए पांच स्तरीय सर्वे हो चुके हैं। इसमें ग्राउंड सर्वे, लिडार सर्वे, राइडरशिप सर्वे, जीओ टेक्निकल सर्वे और एसआईए सर्वे किया गया है। इसकी रिपोर्ट का अध्ययन संबंधित सर्वे एजेंसियां कर रही हैं। हाईस्पीड रेल कॉरपोरेशन की जनसंपर्क अधिकारी सुषमा गौड़ ने बताया कि सभी सर्वे की रिपोर्ट एक साथ करके संबंधित एजेंसियां हाईस्पीड रेल कॉरपोरेशन को सौंपेंगे। कारपोरेशन की ओर से अगस्त के अंत तक मंत्रालय को सौंपा जाएगा। रिपोर्ट को लेकर कोई आपत्ति नहीं होती है तो डीपीआर बनना शुरू होगा।
सोशल और पर्यावरण सर्वे भी
हाईस्पीड रेल कॉरपोरेशन की ओर से परियोजना को लेकर सोशल और पर्यावरण पर पड़ने वाले संभावित असर पर भी अध्ययन किया गया है। पीआरओ ने बताया कि सबसे आखिर में सोशल इंपैक्ट एसिस्टेंट सर्वे किया गया है। इसमें जिन आबादी क्षेत्रों से निकलकर कॉरीडोर जाएगा, वहां सामाजिक असर क्या होगा। पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान तो नहीं पहुंच रहा, इस पर रिपोर्ट तैयार की गई है। कितनी आबादी प्रभावित होगी, इसे भी देखा गया है।
एक नजर में परियोजना
कॉरिडोर दिल्ली को मथुरा, आगरा, इटावा, लखनऊ, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही, वाराणसी और अयोध्या जैसे प्रमुख शहरों से जोड़ेगा। नोएडा यानी गौतमबुद्ध नगर के जेवर में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को भी जोड़ेगा।
हावड़ा रूट के कॉरीडोर के लिए एजेंसी जल्द शुरू करेगी काम
वाराणसी-हावड़ा रूट के लिए बनने वाले हाईस्पीड रेल कॉरीडोर के लिए भी जल्द सर्वे शुरू होगा। पीआरओ ने बताया कि सर्वे के लिए एजेंसियों को नामित कर लिया गया है। चूंकि सर्वे के पहले ये अपने स्तर पर भी रूट का अध्ययन करती हैं। ये एजेंसियां अध्ययन शुरू कर दी हैं। जिस तरह दिल्ली रूट के पांच सर्वे हुए हैं, हावड़ा रूट का भी सर्वे होगा।
सतीश अग्निहोत्री बने प्रबंधक निदेशक
सतीश अग्निहोत्री नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के नए प्रबंध निदेशक बनाये गये हैं। वह 1982 के आईआरएसई अधिकारी ने प्रबंध अग्निहोत्री मेगा रेल बुनियादी ढांचे परियोजनाओं के कार्यान्वयन में 20 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ आता है। उन्होंने रेल विकास निदेशक रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के रूप में काम किया है, जो रेल मंत्रालय के तहत नौ साल के लिए रेल मंत्रालय के तहत एक अनुसूची 'ए' सीपीएसई है।