सफाई कर्मचारी का बेटा बना सेना में अफसर, झाड़ू लगाने वाले का बेटा बंदूक से करेगा देश की रक्षा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. किसी ने क्या खूब कहा है कि गरीबी में पैदा होना अभिशाप नहीं है, लेकिन गरीब मर जाना जरूर ठीक बात नहीं है। अगर कोई चाहे तो अपनी मेहनत से अपनी तकदीर को जरूर बदल सकता है। इसी बात का उदाहरण पेश किया है मूल रूप से चंदौली के रहने वाले और बनारस में सफाई कर्मचारी बिजेंद्र के बेटे सुजीत ने कुछ ऐसा ही उदाहरण पेश किया है। पिछले दिनों सुजीत ने इंडियन मिलिट्री एकेडमी से ग्रेजुएट होने में सफलता हासिल की और इस तरह वह सेना में अफसर बन गए। पर क्या एक झाड़ू लगाने वाले के बेटे के लिए ये सब इतना आसान था?
लोग पहले हंसे, अब कर रहे तारीफ
सफाई कर्मचारी बिजेंद्र कुमार को आज भी वह दिन याद है जब 10 साल पहले उन्हें अपने बेटे को पढ़ाने के लिए लोगों के तंज का सामना करना पड़ा था। उनके गांव के लोग बिजेंद्र के उस सपने का मजाक उड़ाते थे, जिसमें वह अपने बेटे सुजीत को सेना का अधिकारी बनते हुए देखना चाहते थे। लेकिन मजाक उड़ाने वाले वही लोग आज तारीफ कर रहे हैं, क्योंकि उनके बेटे ने उनका सपना पूरा कर दिया है।
पिता ने उठाई झाड़ू, बेटा बंदूक उठा देश सेवा करेगा
अक्सर हम समाज में सफाई कर्मचारियों की मेहनत को नजरअंदाज करते हैं। उनके काम को हिकारत की नजर से देखते हैं। लेकिन हकीकत तो यह है कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। सुबह उठ कर आपको अगर अपने मोहल्ले और शहर की सड़कें, नालियां साफ मिलती हैं, तो उसके पीछे यही सफाई कर्मी हैं। बिजेंद्र भी यही भूमिका अध्यात्म की नगरी काशी को साफ करके अदा करते हैं। अब उनका बेटा बंदूक उठा कर देश की सेवा में जुटेगा। दोनों ही देश की सेवाएं हैं। एक झाड़ू के सहारे तो दूसरी बंदूद के सहारे।
अपने छोटे भाई-बहनों के लिए आदर्श है सूजीत
सेना में अधिकारी बनने वाले सुजीत अपने छोटे भाई बहनों के लिए एक आदर्श बड़े भाई की भूमिका में हैं। सुजीत का छोटा भाई आईआईटी में जाना है, जबकि दो छोटी बहनें डॉक्टर और IAS बनना चाहती हैं। अब जबकि सुजीत ने सफलता का मार्ग प्रशस्त किया है, तो बिजेंद्र को यकीन है कि उसके बाकी बच्चे भी अपने करियर की राह में जरूर सफल होंगे।