राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा, कोविड थर्ड वेव की निगरानी के लिए टास्क फोर्स का गठन
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. कोरोना संक्रमण को लेकर सरकारी निर्देशों में मिली छूट का लोगों ने नाजायज फायदा उठाना शुरू कर दिया है। लोग न मास्क लगा रहे न ही शारीरिक दूरी का पालन कर रहे। नतीजा अब फिर से कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा। शुक्रवार को 18 लोग कोरोना की चपेट में आए।
वहीं, कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या भी 121 हो गई। इससे पहले गुरुवार को केवल दस कोरोना मरीज मिले थे। उधर, तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने प्रभावित इलाकों की निगरानी को टास्क फोर्स का गठन किया है। सबसे ज्यादा मरीज इंदिरानगर, अलीगंज, गोमतीनगर, आशियाना समेत दूसरे इलाकों में मरीज बढ़े हैं। राहत की बात है कि कोरोना से मौत के मामले अभी सामने नहीं आए।
वहीं, शुक्रवार को 18 मरीजों ने कोविड-19 को मात दी। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक लोगों की ओर से बरती जा रही लापरवाही के कारण मौजूदा हालात पर डाक्टरों ने भी चिंता जताई है। डाक्टरों का कहना है कि कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार द्वारा जारी प्रोटोकाल का गंभीरतापूर्वक पालन नहीं किया गया तो कोरोना की तीसरी लहर का सामना करने में भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
संक्रमण में आंशिक बढ़ोतरी को देखते हुए सतर्कता बढ़ी: कोरोना संक्रमण की तीसरी संभावित लहर को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट है। मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ ही सीएचसी स्तर से निगरानी टीमें गठित कर दी गई हैं।
कोरोना की पिछली दो लहरों में जिन क्षेत्रों में संक्रमण के सर्वाधिक मामले थे, उन इलाकों के सीएचसी के अंतर्गत टास्क फोर्स टीमें काम करेंगी। तीसरी लहर के खतरे से कम से कम नुकसान हो इसके लिए प्रशासन ने सभी व्यवस्थाएं पहले से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
डीएम अभिषेक प्रकाश के मुताबिक गठित टीमें अपने क्षेत्र में पहले से क्रियाशील सेक्टर स्कीम वाली टीमों का नेतृत्व एवं समन्वय स्थापित करते हुए काम करेंगी। इसके अंतर्गत सात दिनों के अंदर संवेदनशील इलाकों का भ्रमण कर निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण किया जाएगा। टीमें कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना, टेस्टिंग, कान्टेक्ट ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट की व्यवस्था देखेंगी। उक्त क्षेत्र में शासकीय एवं निजी चिकित्सीय सुविधाओं, व्यापक प्रचार-प्रसार और सीएचसी पर गाइडलाइन एवं प्रोटोकाल के अनुरूप सíवलांस, मेडिकल किट्स और चिकित्सीय उपकरणों की उपलब्धता, अभिलेखीकरण एवं डाटा अपडेशन व कंट्रोल रूम स्थापना आदि ¨बदुओं पर परीक्षण करते हुए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराएगी।