दसवीं पास बन सकेंगे बागवानी के बॉस, निश्शुल्क मिलेगा माली प्रशिक्षण
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. यदि आप हाईस्कूल (दसवीं ) या इंटर पास हैं और बागवानी के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। आप बागवानी के बॉस बन सकते हैं। आलमबाग के राजकीय उद्यान में न केवल युवाओं को बागवानी की ट्रेनिंग दी जाएगी बल्कि उन्हें कंप्यूटर की बेसिक जानकारी भी निश्शुल्क मिलेगी। अगले महीने से प्रशिक्षण शुरू होने की संभावना है।
उप्र कौशल विकास मिशन की ओर से माली प्रशिक्षण के लिए राजकीय उद्यान को केंद्र बनाया गया है। एक बैच में 25 युवाओं को माली का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए क्लास रूम बनाने का कार्य पूरा हो गया है। माली प्रशिक्षण के साथ कंप्यूटर की बेसिक जानकारी भी सभी युवाओं को दी जाएगी। उप्र कौशल विकास मिशन की अनुमति के साथ ही प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा। प्रशिक्षण निश्शुल्क मिलेगा।
ऐसे मिलेगा प्रवेश: हाईस्कूल या इंटर पास युवा जिनकी उम्र 14 से 35 वर्ष के बीच है, वे प्रशिक्षण ले सकते हैं। इसके लिए युवाओं को उप्र कौशल विकास मिशन के वेबपोर्टल (यूपीएसडीएम.जीओवी.इन) पर पंजीयन कराना होगा। वेबपोर्टल में माली ट्रेड के प्रशिक्षण की जानकारी मिल जाएगी। पहले चरण में एक बैच ही चलेगा। प्रशिक्षण के उपरांत युवाओं को नौकरी भी दिलाई जाएगी।
12 हजार को कौशल विकास का इंतजार: कृष्णानगर के मानस नगर निवासी खुशबू ने जनवरी में कंप्यूटर ट्रेनिंग के लिए अपना आनलाइन पंजीयन कराया था लेकिन अभी तक उनकी पढ़ाई शुरू नहीं हुई। अकेली खुशबू ही नहीं रानीगंज के देवेश कुमार व इंदिरानगर के गोलेश को भी प्रशिक्षण का इंतजार है। ऐसे लखनऊ के 12 हजार युवाओं को प्रशिक्षण का महीनों से इंभ् तजार है। रही सही कसर कोरोना संक्रमण ने पूरी कर दी।
आनलाइन पढ़ाई का खाका तैयार तो हो गया, अभी तक लेकिन पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी। बाराबिरवा के कौशल केंद्र के समन्वयक सैयद एजाज का कहना है कि लखनऊ में छह सेंटरों का संचालन इस केंद्र से होता है, लेकिन अभी अनुमति नहीं मिली है। मानसरोवर बाजार कानपुर रोड सेंटर के कार्यकारी निदेशक धीरेंद्र तिवारी ने बताया कि पंजीयन के साथ अब प्रशिक्षण की अनुमति का इंतजार है। जिला प्रबंधक व राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य पीके शाक्यवाल ने बताया कि पंजीयन हो चुका है, गाइड लाइन भी तैयार हो चुकी है। शीघ्र ही प्रशिक्षण शुरू होगा। लखनऊ में 44 निजी व सरकारी सेंटर हैं जहां प्रशिक्षण दिया जाएगा।