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Ghazipur: गुल्लू के जीवन की मझधार पार कराएगी नाव, जिलाधिकारी प्रदान करेंगे नौका

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गंगा में लकड़ी में बाक्स में मिली बालिका गंगा को निकाल कर चर्चा में आने वाले नगर के ददरी घाट निवासी गुल्लू चौधरी को जल्द ही नाव मिल जाएगी। यह न सिर्फ उनके लिए पुरस्कार होगा बल्कि जीवन रूपी मझदार से पार भी कराएगी। खुद जिलाधिकारी अपने हाथ से नाव प्रदान करने के साथ उसकी पहली सवारी भी करेंगे। उतराई भी देंगे वह गुल्लू को।

एक वह लोग रहे होंगे जिसने 21 दिन के कलेजे के टुकड़े को गंगा में बहाया। एक गुल्लू हैंं जिसने मानवता दिखाते हुए उसे अपना बनाया, सीने से लगाया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस नेक काम की सराहना कर जिला प्रशासन को बतौर पुरस्कार स्वरूप जरूरी सुविधाएं प्रदान करने को कहा। चूंकि गुल्लू के पास अपना आशियाना था, रास्ता नहीं था। 


जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने रास्ता बनवाने का भरोसा देते हुए आजीविका के बारे में पूछताछ की तो पता चला कि गुल्लू अपने चाचा के नाव से आजीविका चलाता है। ऐसे में जिलाधिकारी ने नाव भी प्रदान करने का भरोसा दिया। नाव को गाजीपुर के ही कारीगर बना रहे हैं। जिला प्रशासन का कहना है कि पंचायत चुनाव की वजह से थोड़ी देर हुई नहीं तो गुल्लू को अब तक नाव मिल गई होती। बहरहाल चार से पांच दिन में उसे नाव मिल जाएगी। उधर, रास्ते आदि को लेकर कागजी काम भी अंतिम चरण में है। इसे भी जल्द पूरा कर दिया जाएगा।


नाव बनाने में करीब लाख रुपये का खर्च

जब तक नाव पूरी तरह से बन नहीं जाती तब तक यह कहना कि इसकी लागत कितनी है मुश्किल होगी। हालांकि माना जा रहा है कि करीब एक लाख रुपये के आसपास की यह होनी चाहिए। बहरहाल, जिलाधिकारी ने कह रखा है कि नाव बिल्कुल अच्छी तरीके की हो, इसकी लागत चाहे जितनी हो जाय। उधर, गुल्लू व उसके परिवार को भी इंतजार है इस नाव का। उनका कहना है कि नाव से ज्यादा महत्व है हमारे लिए इस पुरस्कार का।


गुल्लू की नाव तैयार हो रही है

गुल्लू की नाव तैयार हो रही है। जल्द ही मैं खुद जाकर नाव प्रदान करने के साथ इसकी सवारी भी करूंगा।-मंगला प्रसाद सिंह, जिलाधिकारी। मीडिया इनपुट्स 

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