Ghazipur: तस्मैय श्री गुरूवे नमः से आज गूंजेगा सिद्धपीठ हथियाराम मठ
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गुरु पूर्णिमा पर 24 जुलाई को कोरोना प्रोटोकॉल के तहत सिद्धपीठ हथियाराम और भुड़कुड़ा मठ में सादगी के साथ कार्यक्रम होगा। गुरु पूर्णिमा महोत्सव के साथ ही पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी भवानीनन्दन यति के चातुर्मास महायज्ञ का भी शुभारंभ होगा।
यह महायज्ञ श्रावण प्रतिपदा से शुरू होकर भाद्रपद पूर्णिमा तक चलेगा। इसे लेकर कोरोना गाइडलाइन के तहत बैरिकेडिंग और श्रद्धालुओं के बैठने आदि की व्यवस्था की गई है। देश के कोने-कोने से श्रद्धालु सदगुरू का पूजन अर्चन कर आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।
सिद्धपीठ के पीठाधीश्वर जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति द्वारा सादगी पूर्वक अपने गुरु के साथ ही सिद्धपीठ के तमाम ब्रह्मलीन संत महात्माओं का पूजन अर्चन किया जाएगा। उधर सतनामी परम्परा के सिद्धपीठ भुड़कुड़ा मठ के महंत शत्रुघ्न दास द्वारा पीठ में स्थित सिद्ध संतों की समाधि पर पूजन अर्चन किया जाएगा। शिष्यों का प्रवेश वर्जित रहेगा।
गजानन की पूजा से शुरू होगा चातुर्मास महायज्ञ
पवाहारी सिद्ध योगी परशुराम यति की सात सौ वर्ष प्राचीन साधना स्थली सिद्धपीठ हथियाराम मठ में स्थापित मां भगवती के 108 अवतारों में से एक बुढ़िया माई एवं देवाधिदेव भगवान शिव के उपासक पीठाधिपति महामण्डलेश्वर स्वामी भवानीनन्दन यति के चातुर्मास महायज्ञ का शुभारंभ श्रावण प्रतिपदा को सिद्धिविनायक गणेश पूजन, देव आह्वान, शिव रुद्राभिषेक पूजन, नक्षत्र पूजन, नवग्रह पूजन के साथ होगा।
अनवरत दो माह तक चलने वाले चातुर्मास महायज्ञ में वैदिक ब्राह्मणों द्वारा शिवोपासना किया जायेगा। सिद्धपीठ के पीठाधीश्वर व जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति द्वारा सिद्धपीठ की गद्दी पर आसीन होने के बाद सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, नागेश्वर महादेव, त्रयम्बकेश्वर महादेव, घृष्णेश्वर महादेव, भीमाशंकर महादेव, ओम्कारेश्वर, महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, बाबा विश्वनाथ, रामेश्वरम, मल्लिकार्जुन महादेव, केदारनाथ महादेव, बाबा वैद्यनाथ देवधर, परली वैद्यनाथ व नेपाल स्थित पशुपतिनाथ के साथ ही देश के कोने-कोने में स्थित देवाधिदेव भूत भावन भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग स्थानों सहित मठ से चातुर्मास महायज्ञ संपादित किया जाता चला आ रहा है। पिछले वर्ष की भांति इस बार भी चातुर्मास महायज्ञ का संपादन सिद्धपीठ हथियाराम मठ से ही होगा। इस दौरान नागपंचमी, रक्षाबंधन, कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी सहित सभी विशेष पर्व और त्योहार पर विशेष पूजन अर्चन किया जाएगा।