गाय का गोबर बेचकर करें कमाई, खादी ग्रामोद्योग देगा मोटा दाम
गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. गाय से मिलने वाला घी-दूध ही नहीं बल्कि गोबर भी आमदनी का जरिया बन गया है. पारंपरिक रूप से खाद के रूप में इस्तेमाल किए जा रहे गोबर को बेचकर भी पैसा कमाया जा सकता है. गाय के गोबर को कोई और नहीं बल्कि खुद सरकार खरीदेगी. साथ ही लोगों को आमतौर पर मिलने वाली गोबर की कीमत के मुकाबले चार गुना मोटा पैसा भी देगी.
जनवरी में ही राजस्थान के जयपुर में पहली बार खादी ग्रामोद्योग आयोग की ओर से गाय के गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाकर लांच किया गया था. हालांकि अब देश के छह बड़े शहरों में भी गाय के गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाने की तैयारी की जा रही है. इनमें देश की राजधानी दिल्ली सहित अहमदाबाद, बंगलुरू, यूपी के वाराणसी, नासिक और ओडीसा के चौद्वार शहर शामिल हैं.
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की ओर से न्यूज 18 हिंदी को बताया गया कि केवीआईसी की ओर से छह राज्यों को चुना गया है. यहां के बड़े और प्रमुख शहर में एक-एक यूनिट लगाकर गाय के गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाया जाएगा. वहीं जो सबसे खास बात होगी वह यह होगी कि इन्हीं शहरों के आसपास के लोगों से इसके लिए गाय का गोबर खरीदा जाएगा.
केवीआईसी गाय के गोबर को पांच रुपये किलो की कीमत पर खरीदेगा
केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना की ओर से बताया गया कि आम लोगों, गौशालाओं (Gaushala) से पांच रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर गोबर खरीदेगी. केवीआईसी का कहना है कि अभी तक लोग एक से डेढ़ रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर खाद या परंपरागत चीजों के लिए गाय के गोबर को बेचते रहे हैं. या फिर इसके उपले बनाकर बेचते हैं जिसमें लागत और श्रम भी लगता है लेकिन अब केवीआईसी इसके करीब चार से पांच गुना ज्यादा दाम देकर गोबर को खरीदेगा.
एक आदमी महीने में कमा सकता है इतना पैसा
केवीआईसी के अधिकारियों का कहना है कि पांच रुपये प्रति किलोग्राम गोबर बेचकर लोगों को काफी मुनाफा हो सकता है. आमतौर पर एक स्वस्थ गाय दिन में 20 से 25 किलोग्राम तक गोबर करती है. ऐसे में पांच रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से देखें तो एक गाय के गोबर को बेचने से ही रोजाना 100 रुपये से 125 रुपये तक की कमाई की जा सकती है. साथ ही महीने का तीन हजार रुपये से चार हजार रुपये तक एक गाय से कमाया जा सकता है. जबकि गाय का दूध और घी आदि अलग चीजें हैं.
ईको फ्रेंडली पेंट की लगातार बढ़ रही है मांग
खादी ग्रामोद्योग आयोग प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाने की तैयारी कर रहा है. बता दें कि छह महीने पहले लांच हुए इस प्राकृतिक पेंट की मांग लगातार बढ़ रही है. लोग अपने घरों को इससे रंग रहे हैं. कुछ दिन पहले ही खादी ग्रामोद्योग आयोग के वरिष्ठ अधिकारी की ओर से बताया गया था कि इसकी सेल काफी बेहतर है. महज 12 दिन के अंदर गोबर से बना साढ़े तीन हजार लीटर पेंट अभी तक बिक गया था. यह भी तब हुआ जबकि पेंट की बिक्री सिर्फ दिल्ली और जयपुर के दो स्टोर से ही की गई थी. हालांकि अब खादी ग्रामोद्योग ने इसकी ऑनलाइन बिक्री भी शुरू कर दी है. जिसके बाद से देशभर में कहीं से भी लोग इसे ऑर्डर कर सकते हैं.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी करा चुके हैं पेंट
इस पेंट को 12 जनवरी को एमएसएमई देख रहे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लांच किया था. इतना ही नहीं इस पेंट को लांच करने से पहले नितिन गडकरी ने भी इसका इस्तेमाल अपने आवास की दीवारों पर किया है. वहीं खादी ग्रामोद्योग की कई बिल्डिंगों में इसको पेंट किया गया है. इसे बनाने का काम खासतौर पर गौशालाओं में शुरू किया गया है.