बिहार से अलीगढ़ गरीबी में पैदल जा रहे दम्पती संग काशी के लोगों ने दिखाई दरियादिली
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. पेट को भरने और जिंदगी की गाड़ी चलाने हेतु रोजी-रोटी की तलाश में काम पर निकले दम्पति के सामने ऐसी मजबूरी आई कि लाचारी में उन्हें पैदल ही बिहार से अलीगढ़ स्थित घर की दूरी को नापने हेतु निकलना पड़ा।
गोद में मासूम को लिए बेबस मां और सिर पर बोरी में सामानों का बोझ लिए युवक की दर्द भरी दास्तां सुन मिर्जामुराद कस्बावासियों का दिल पसीज गया। भूखे दम्पति को भोजन कराने व रात्रि ठहरने की व्यवस्था कराने के बाद सोमवार की सुबह चंदा उतारकर आर्थिक मदद कर उन्हें बस में बैठा मंजिल को रवाना किया गया।
अलीगढ़ के बखेड़ा गांव निवासी बच्चन व नेहा नामक दम्पति अपने मासूम पुत्री परी को साथ लेकर एक सप्ताह पूर्व गया (बिहार) स्थित एक ईंट-भठ्ठे पर काम करने गए। चार दिन बाद भठ्ठे पर काम बंद हो गया। मालिक ने चार सौ रुपया देकर दोनो को घर जाने की सलाह दे दी। भोजन में कुछ रुपए खर्च हो जाने पर तीन दिन पूर्व मजबूरी में दम्पति घर जाने के लिए पैदल निकल पड़े। रास्ते में मदद मांगने पर कोई सहारा दे देता तो मंजिल आसान हो जाती रही।
रविवार की रात पैदल चलते- चलते दम्पती मिर्जामुराद कस्बा में पहुंचे। दम्पति की मजबूरी देख संजय सिंह (बीनू) ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए उन्हें रात्रि भोजन करा ठहरने की पनाह दी। अशोक मिश्र, विमल सिंह, अखिलेश गौतम, मतलूब खान, उमेश सिंह, रामपाल, पिंटू ने दम्पति को आर्थिक मदद दी। चंदे की राशि देने के बाद सुबह दोनों को बस में बैठाकर प्रयागराज के लिए रवाना कर दिया गया। प्रयागराज से ट्रेन पकड़कर दम्पती अलीगढ़ निकल जाएंगे। बनारस के लोगों की दरियादिली देखकर दोनों दंपती भी काफी खुश नजर आए।