नौसेना के लिए पहली 'मशीन गन', अब समुद्र के अंदर नौसैनिक देंगे दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब, जनिए- क्या हैं खसियतें
गाजीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर. नौसैनिक समुद्र में अब दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दे सकेंगे। देश में नौसेना के लिए पहली ऐसी मशीन गन बनाई गई है जो समुद्र के अंदर 1.7 किमी तक मार करेगी। इस 12.7 एमएम 2 नाटो स्टैंडर्ड हैवी मशीन गन को स्टैबलाइज्ड रिमोट कंट्रोल गन भी कहते हैं। आयुध निर्माणी तिरुचिरापल्ली ने इसका निर्माण किया है। यह हैवी मशीन गन दुश्मनों को मार गिराने के साथ ही छोटे जहाजों को भी क्षति पहुंचाकर डुबोने में सक्षम है।
इजरायल की तकनीक पर बनी है गन
स्माल आर्म्स फैक्ट्री (एसएएफ) कानपुर के अपर महाप्रबंधक (प्रशासन) एवं आर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड के उप महानिदेशक कारपोरेट कम्युनिकेशन गगन चतुर्वेदी ने बताया कि यह गन एलबिट सिस्टम, इजरायल से तकनीक हस्तांतरण करार के तहत बनाई गई है। यह 15 अत्याधुनिक हथियार नौसेना व भारतीय तटरक्षक को दिए गए हैं। शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान नौसेना को पांच और तटरक्षकों को 10 स्टैबलाइज्ड रिमोट कंट्रोल गन सौंपी गईं। उन्होंने बताया कि यह गन मरीन एप्लीकेशन्स के लिए है।
खास है मशीनगन
नौसेना के लिए यह पहली ऐसी हैवी मशीनगन है जो पूरी तरह आटोमेटिक है। रिमोट के जरिए इससे लक्ष्य भेदा जाता है। इसमें सीसीडी कैमरा, थर्मल इमेजर व लेजर रेंज फाइंडर लगाया गया है, जिससे यह रात के वक्त भी लक्ष्य भेदने में कारगर है। इसमें एक ट्रैकिंग सिस्टम लगाया गया है जो लक्ष्य की सटीक तरीके से पहचान करता है। उप महानिदेशक ने बताया कि अभी तक ऐसी कोई हैवी मशीनगन नौसेना को ध्यान में रखकर नहीं बनी थी जो रिमोट से संचालित हो। तिरुचिरापल्ली (तमिलनाडु) में एक समारोह के दौरान ये गन महानिदेशक नेवल आर्मामेंट केएससी अय्यर को महानिदेशक आयुध निर्माणियां एवं अध्यक्ष आर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड सीएस विश्वकर्मा ने सौंपी।- मीडिया इनपुट्स