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Ghazipur: पोते ने वीर अब्दुल हमीद को किया नमन, स्मारक में नहीं हुई सफाई

 गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद की जयंती पर गुरुवार को जिले भर में कोई आयोजन नहीं हुआ। उनके पैतृक गांव से लेकर राजनैतिक दलों या जिला प्रशासन तक ने उनकी जयंती नहीं मनाई। शहीद के स्मारक स्थल में दिन भर ताला पड़ा रहा और साफ सफाई तक नहीं हुई। स्मारक पार्क में लगी प्रतिमा पर धूल जमीं रही और चारो ओर गंदगी जस की तस रही। परिसर में खड़ी जंगली घास को भी काटने की किसी ने सुध नहीं ली और पार्क में भी कोई कार्यक्रम नहीं हुआ। हिन्दुस्तान में शहीद की स्मृतियों की दुदर्शा की खबर पढ़ने के बाद अब्दुल हमीद का पौत्र स्मारक स्थल पर पहुंचा और माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।

गुरुवार को परमवीर चक्र विजेता शहीद अब्दुल हमीद की जयंती पर गाजीपुर के धामूपुर स्थित शहीद स्मारक का ताला दिनभर बंद रहा। ग्राम सभा या प्रशासन की ओर से जयंती के अवसर पर पार्क की सफाई तक नही कराई गई। ऐसा पहली बार हुआ जब अमर शहीद अब्दुल हमीद की जयंती पर चंद लोग भी नहीं जुटे, गांव-जिले तक से पहुंचकर किसी ने दो पुष्प भी अर्पित नहीं किया। अपनों के इंतजार में वीर अब्दुल हमीद की प्रतिमा पर दोपहर बाद पहुंचे पौत्र सलीम ने श्रद्धांजलि की औपचारिकता निभाई। वाराणसी से एक फूलों की माला लेकर पहुंचे सलीम खान ने किसी के नहीं आने का कारण निजी व्यस्तता बताया। सलीम ने गांव या आसपास किसी से पार्क के हालात पर चर्चा तक नहीं की और पूछने पर शहादत दिवस पर इसे ठीक कराने की बात कही। शहादत दिवस पर बड़ा आयोजन किया जाएगा।


पैतृक गांव में दिखा सन्नाटा

एक जुलाई 1933 को धामूपुर में जन्मे परमवीर चक्र पाने वाले वीर अब्दुल हमीद की गुरुवार को जयंती थी। हिन्दुस्तान की टीम को उनके पैतृक गांव में सन्नाटा दिखा और उनकी प्रतिमा अपनों के श्रद्धासुमन की रहा देखती रही। वीर नारी रसूलन बीबी के इंतकाल के बाद इस जयंती पर यह दूसरा मौका है जब परिवार के लोग भी गांव नहीं पहुंचे। ग्रामीणों की ओर से माला-फूल भी अर्पित नहीं किए गए। जनप्रतिनिधि और अधिकारियों ने भी शहीद के सम्मान की सुध नहीं ली।

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