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गाजीपुर अफीम फैक्ट्री महाप्रबंधक ने नीमच में फेल अफीम को गाजीपुर में कर दिया था पास

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. देश के दोनों गाजीपुर अफीम फैक्ट्री व मध्य प्रदेश के नीमच में स्थित अफीम फैक्ट्री का कार्यभार मिलने के बाद डा. शशांक यादव को रिश्वत की लत लग गई थी। नीमच का उसे अतिरिक्त कार्यभार मिलने के कुछ दिन बाद ही राजस्थान से आए अफीम के 150 सैंपल को फेल कर दिया गया था और री-सैंपलिंग के लिए गाजीपुर भेजा गया, और यहां 80 फीसद से अधिक अफीम पास हाे गए। सबसे मजे की बात तो यह है? कि ऐसा पहली बार हुआ, जब नीमच के फेल सैंपल को गाजीपुर री-सैंपलिंग के लिए भेजा गया हो। ऐसे में आप सहज की अंदाजा लगा सकते हैं पास-फेल के बीच का खेल क्या है?

डा. शशांक को नवम्बर 2020 में अफीम फैक्ट्री का महाप्रबंधक बनाया गया और इसके कुछ माह बाद नीमच का अतिरिक्त प्रभार मिलते ही उसकी कार्यशैली बदल गई। नीमच जांच को पहुंची राजस्थान की एसीबी को पता चला कि डा. शशांक ने कार्यभार संभालने के बाद कई दागी अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंप दी, जिनके ऊपर पहले से भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके थे। करीब पांच माह पूर्व राजस्थान की अफीम नीमच पहुंची थी। 


अफीम फैक्ट्री में जांच के दौरान के 150 सैंपल फेल हो गए थे, जिनकी दोबारा जांच के लिए गाजीपुर अफीम फैक्ट्री भेजा गया था। किसानों ने शिकायत भी किया था कि जान-बूझकर उनके सैंपल को निगेटिव करार दे दिया गया है। अफीम कारखाने के अधिकारियों की मानें तो ऐसा पहली बार हुआ था। गाजीपुर अफीम फैक्ट्री के अधिकारियों के अनुसार जब यहां फेल अफीम की री-सैंपलिंग हुई तो करीब 80 फीसद से अधिक सैंपल पास हो गए थे।


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बोले अफीम फ़ैक्ट्री गाजीपुर प्रबंधक: करीब पांच-छह माह पहले नीमच में आए अफीम के फेल सैंपल को री-सैंपलिंग को गाजीपुर भेजा गया था। यहां जांच में लगभग 80 फीसद अफीम सही पाए गए थे। कुछ किसानों के अफीम के सैंपल फेल हुए थे, जिनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई। - ओमप्रकाश राय, प्रबंधक, अफीम फैक्ट्री-गाजीपुर।

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