गाजीपुर अफीम फैक्ट्री के जीएम शशांक यादव ने 6 हजार अफीम किसानों से वसूले 36 करोड़ रुपये
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी में पकड़े गए गाजीपुर अफीम फैक्ट्री में जीएम आईआरएस शशांक यादव की काली करतूते पर्त दर पर्त खुलती जा रही है। एसीबी की जांच में जो तथ्य सामने आए हैं वह चौकाने वाले हैं।
2010 बैच के आइआरएस अधिकारी शशांक यादव को 2020 में गाजीपुर में गाजीपुर और मार्च 2021 में नीमच अफीम फैक्ट्री का चार्ज मिला था। गाजीपुर अफीम फैक्ट्री के जीएम और नीमच फैक्ट्री का अतिरिक्त चार्ज मिलते ही डॉ शशांक यादव अरबों कमाने की होड़ में लग गया। इन दिनों में उसने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर छह हजार किसानों से 36 करोड़ रुपये की वसूली की।
जौनपुर के सुजानगंज खीनपुर के मूल निवासी डा. शशांक यादव पूर्व आईएएस अधिकारी महावीर यादव के बेटे हैं। उनके भाई डा. संजय यादव बलिया में एएसपी हैं। वह गाजीपुर व नीमच में 15-15 दिन की ड्यूटी करते हुए तीन जुलाई को नीमच गए थे।
मामले की जांच कर रहे एसीबी के डीसीपी अजित बगडोलिया ने बताया कि मई में नीमच से कई कंटेनर अफीम जांच में फेल करके गाजीपुर भेजी, जिसकी सैंपलिंग के बाद सूखते ही रिपोर्ट जारी करने की तैयारी थी। सूत्रों की माने तो बीते चार मई को राजस्थान से ही ट्रेन द्वारा 15800 कंटेनर अफीम की खेप जिले में पहुंची थी। 25 जून से इसका रसायनिक परीक्षण शुरू हुआ, अब भी 40 हजार से अधिक किसानों के अफीम की जांच होनी है, जिसकी वसूली को शशांक यादव नीमच गया था।
अफीम फैक्ट्री में जीएम की मिलीभगत से किसानों के उत्पादन में मॉरफीन की मात्रा अधिक बताकर तमाम सैंपल फेल कर दिए। लैब में फिर भेजकर पास कराने के नाम पर वसूली शुरू कर दी। वहीं पटटों के आवंटन को लेकर भी किसानों को ब्लैकमेल किया जा रहा था, इसके लिए नीमच में बड़ी संख्या में किसानों से वसूली का रेट बढ़ा दिया। अफीम लैब के अजीत सिंह व कोडिंग टीम के दीपक कुमार यादव ने दलालों के जरिये किसानों से 10 आरी, 12 आरी के पट्टे दिलवाने के नाम पर 36 करोड़ रुपए एडवांस वसूल कर लिए। जब पानी सिर से ऊपर गुजरने लगा तो किसानों ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को सूचना दी और गाजीपुर अफीम फैक्ट्री का जीएम 16.32 लाख की नगदी के साथ दबोच लिया गया।