Today Breaking News

गाजीपुर अफीम फैक्ट्री: 3 जुलाई से गाजीपुर शहर से बाहर थे गाजीपुर अफीम फैक्ट्री के महाप्रबंधक, महीने में 15 दिन ही करते थे ड्यूटी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर अफीम फैक्ट्री: राजस्थान एसीबी द्वारा काेटा-उदयपुर हाइवे पर हैंगिंग ब्रिज टोल नाके के पास से रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार किए गए आइआरएस अधिकारी डा. शशांक यादव को लेकर गाजीपुर अफीम फैक्ट्री के लोग सकते में आ गए हैं। जौनपुर के सुजानगंज के पास स्थित खीनपुर गांव निवासी डा. शशांक को नवंबर-2020 में अफीम फैक्ट्री का महाप्रबंधक बनाया गया था। मार्च-2021 में उनकाे मध्य प्रदेश के नीमच का भी अतिरिक्त प्रभार मिल गया। तभी से वह गाजीपुर व नीमच में 15-15 दिन की ड्यूटी करते थे। हालांकि फिलहाल वह दो महीने बाद बीते तीन जुलाई से जिले से बाहर हैं। डा. शशांक 2010 बैच के आइआरएस अधिकारी हैं।

विदित को कि जिले में स्थित अफीम फैक्ट्री एशिया की सबसे बड़ी अफीम फैक्ट्री है। डा. शशांक के रिश्वत की रकम के साथ पकड़े जाने से स्थानीय अधिकारियों व कर्मचारियों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं, और बहुत से लोग सहमे हुए हैं। बीते चार मई को राजस्थान से ही ट्रेन द्वारा 15800 कंटेनर अफीम की खेप जिले में पहुंची थी। इसके करीब डेढ़ माह बाद 25 जून से इसका रसायनिक परीक्षण शुरू हुआ। इसके परीक्षण में महीनों का समय लगता है। इस अफीम की जांच अभी चल ही रही है। ऐसे में बीते तीन जुलाई से जीएम शशांक यादव का बाहर जाना और राजस्थान में रिश्वत के 16 लाख 32 हजार 410 रुपये के साथ पकड़े जाने को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं चल रही हैं। हालांकि यह रकम कैसी और किसकी है? यह ताे जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।


फैक्ट्री में ही होती है सैंपलिंग

अफीम के बाहर से आने के बाद इसकी सैंपलिंग फैक्ट्री में ही होती है। रसायनिक परीक्षण के बाद यहीं निर्धारित किया जाता है कि अफीम की गुणवत्ता कैसी है। इसी के अनुसार अफीम का मूल्य भी निर्धारित भी किया जाता है। बाहर से आए अफीम के कंटनेर पर ही बैच नंबर और कास्तकार का नाम भी होता है। कच्ची अफीम की कीमत इस समय चार हजार पांच सौ रुपये प्रति किलो है, जो किसानों को दी जाती है। जांच में जिस किसान की अफीम खराब मिलती है, उसके ऊपर जुर्माना लगाने के साथ ही कड़ाई से वसूल भी किया जाता है। 15800 कंटेनर की जांच में कितनी अफीम खराब मिली है इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे रहा है। हालांकि सूत्रों की माने तो 95 फीसद जांच पूरी हो गई है और इसमें कुछ अफीम खराब भी मिली है।


रिमांड पर लिए गए जीएम

राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने जीएम डा. शशांक यादव को रिश्वत के मामले में चार दिनोें की रिमांड पर ले लिया है। इस दौरान उनसे रिश्वत की रकम के बारे में जानकारी ली जाएगी। इससे जुड़े और लोगों के भी नाम उजागर होंगे।


राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूराे ने कोटा में यह कार्रवाई की है

राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूराे ने कोटा में यह कार्रवाई की है। इस मामले में उच्चाधिकारियों का जो दिशा-निर्देश होगा उस पर अमल किया जाएगा।- ओमप्रकाश राय, प्रबंधक अफीम फैक्ट्री।

मीडिया इनपुट्स
'