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बीएचयू में सरोजिनी हाॅस्‍टल की वार्डन प्रो. किरन सिंह ने अपने आवास पर आग लगाकर दी जान

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. बीएचयू स्थित यमुना छात्रावास के पास ही सरोजिनी हाॅस्‍टल की वार्डन ने सोमवार की दोपहर आग लगाकर जान दे दी। परिसर में मौजूद लोगों के अनुसार प्रो. किरन सिंह की आग लगने के बाद उनको बचाने की कोशिश की गई लेकिन झुलसने से उनकी मौत हो गई। 

हादसे के बाद परिसर में लोगों की काफी भीड़ लग गई, आनन फानन इस बाबत पुलिस को भी सूचना दी गई। जानकारी होने के बाद मौके पर एसीपी भेलूपुर और इंस्पेक्टर लंका भी पहुंचे और विधिक कार्रवाई शुरू की। पुलिस के अनुसार फॉरेंसिक जांच कर मौत के मामले की जांच की जाएगी। 


पड़ोसियों के अनुसार प्रो. किरन सरोजिनी हाॅस्‍टल की वार्डन थीं और वार्डन क्‍वार्टर के ऊपर कमरे में दोपहर में उन्‍होंने खुद को कुंडी लगाकर कमरे में बंद कर लिया और संभवत: ज्‍वलनशील पदार्थ डालकर खुद को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान अंदर मौजूद बेटी ने आहट होने पर दरवाजा खोलने की कोशिश की लेकिन नाकामयाब होने पर उसने लोगों को सूचना दी तो मौके पर पहुंचे लोग दरवाजा खोलने की कोशिश करने लगे। 


इस दौरान पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई तो मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। इस दौरान उनके पति विवेक सिंह कहीं बाहर गए हुए थे। बेटी के अनुसार सफाई वाले को सोमवार को आने से मना कर दिया था। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि जान देने की उनकी पूर्व से ही तैयारी थी। हालांकि, इस बात का अंदेशा परिवार में किसी को नहीं हो सका। 

दोपहर करीब 12 बजे यमुना छात्रावास परिसर के पास‍ ही प्रो. किरन सिंह के आवास में ऊपरी तल पर आग लगने की सूचना के बाद लोगों में हड़कंप मच गया। आनन फानन मौके पर पहुंचे लोगों के प्रयास से आग बुझाने की कोशिश की गई। इस दौरान प्रो. किरन सिंह की आग की चपेट में बुरी तरह आने से मौत हो गई। 


वहीं हादसे की जानकारी पुलिस को दी गई तो दोपहर में मौके पर थाना पुलिस ने पहुंचकर विधिक कार्रवाई शुरू कर दी। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार मौके पर मौजूद बेटी ने बंद कमरे में मां को आग लगाने का अंदेशा होने पर कमरे को खोलने की कोशिश की मगर नाकाम रहने पर लोगों को सूचना देकर बुलाया मगर बंद कमरे में कामयाबी नहीं मिल सकी। वहीं जानकारी पुलिस को दी गई तो मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम ने दरवाजे की कुंडी तोड़ी तो सामने जली अवस्‍था में शव को देखकर बाकी लोगों को बाहर ही रोक दिया गया।

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