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तीन एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा बलिया, बक्सर से बनारस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे से भी हो रहा जुड़ाव

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर/बलिया. बलिया जनपद तीन एक्सप्रेस-वे से जुड़ने जा रहा है। बलिया को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए 30 किमी लंबा लिंक एक्सप्रेस-वे बन रहा है। इसके अलावा गाजीपुर से बलिया के मांझी घाट तक 118 किमी लंबा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे की संस्तुति दी गई है। 

इसी तरह बक्सर से वाराणसी तक करीब 120 किमी लंबा नया ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे प्रस्तावित है। इससे बलिया के भरौली को जोड़ा जाएगा। तीनों एक्सप्रेस वे से बहुत जल्द बलिया से वाराणसी, लखनऊ, पटना या दिल्ली की राह आसान हो जाएगी। बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पकड़कर लखनऊ तक पहुंचा जा सकता है।


बलिया लिंक एक्सप्रेसवे: पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-731 लखनऊ-सुल्तानपुर रोड (ग्राम-चांदसराय) से शुरू होकर बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ होते हुए गाजीपुर (ग्राम-हैदरिया) में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-31 पर खत्म होता है। यहां से बलिया लिंक एक्सप्रेस वे की लंबाई करीब 30 किलोमीटर होगी। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया कि यह एक्सप्रेस वे बलिया शहर से लगभग 10 किमी दूर एनएच-31 पर ही खत्म होगा।


गाजीपुर-बलिया-ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे

यह गाजीपुर से मांझी तक 118 किमी में बनेगा। यह एक्सप्रेस वे गाजीपुर के शाहपुर से निकलेगा और चितबड़ागांव, मालदेपुर, नगवां, हल्दी, सोनवानी होते हुए दया छपरा, टेंगरहीं बिड़ला बांध, मठ योगेन्द्र गिरी के रास्ते मांझी घाट तक जाएगा और उससे आगे बिहार के रिविलगंज में नए प्रस्तावित बाईपास से जुड़ जाएगा।


बक्सर-वाराणसी-ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे

बलिया के भरौली व बिहार के बक्सर से वाराणसी तक बनने वाला यह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे 120 किमी का होगा। बलिया शहर से वाराणसी की दूरी लगभग 180 किमी है। यह एक्सप्रेसवे बन जाने के बाद वाराणसी जाने में भी यहां के लोगों को अभी के मुताबिक आधा समय लगेगा। इसका डीपीआर बनाने का काम भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने कार्यदायी एजेंसी एचईसी लिमिटेड कंपनी को सौंपा है।


खसरा-खतौनी मिलने के बाद अधिग्रहण का कार्य शुरू होगा 

गाजीपुर से बलिया के मांझी घाट तक जाने वाले ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे में पड़ने वाली जमीन का अध्ययन किया जा रहा है। सभी जगहों से खसरा-खतौनी मिलने के बाद अधिग्रहण का कार्य शुरू होगा।-योगेंद्र सिंह, तकनीकी प्रबंधक, एनएचएआइ

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