पूर्वांचल के सैकड़ों गांवों की बदलेगी तस्वीर, खलीलाबाद-बहराइच 240 किमी नए रेलमार्ग का नक्शा तैयार, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती और बहराइच के गांवों से होकर भी ट्रेनें चलेंगी। रेल मंत्रालय के दिशा-निर्देश पर पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने इन पांचों जनपदों को जोड़ने वाले नए खलीलाबाद-बहराइच रेलमार्ग का नक्शा तैयार कर कर लिया है। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सत्यापन के लिए संबंधित जिला प्रशासन को चिन्हित भूमि की रिपोर्ट सौंपी जा रही है। सत्यापन के बाद आगे की कार्यवाही शुरू हो जाएगी।
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने 2019 में किया था शिलान्यास
खलीलाबाद से शुरू होकर मेंहदावल, डुमरियागंज, उतरौला, श्रावस्ती, भिनगा और बहराइच तक 240 किमी लंबी रेललाइ बिछाई जाएगी। इस रेल लाइन को पूरा करने के लिए वर्ष 2025 तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। तत्कालीन रेलमंत्री पीयूष गोयल ने मार्च 2019 को खलीलाबाद में नई रेल लाइन का शिलान्यास किया था। हालांकि, केंद्र सरकार की कैबिनेट ने अक्टूबर 2018 में ही उत्तर प्रदेश के पिछड़े पिछड़े क्षेत्र में विकास का रास्ता तैयार करने के लिए नई रेल लाइन की मंजूरी दे दी थी। निर्माण के लिए कैबिनेट ने 4940 करोड़ रुपये का बजट भी प्रस्तावित कर दिया था। वर्तमान बजट में सरकार ने कार्य में तेजी लाने के लिए 20 करोड़ रुपये आवंटित किया है। साथ ही इस रेलमार्ग के विद्युतीकरण को भी हरी झंडी दे दी है।
नई रेल लाइन से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
नई रेल लाइन से पर्यटन और तीर्थाटन को भी बढ़ावा मिलेगा। श्रावस्ती में शोभानाथ मंदिर है। मान्यता है कि तीर्थंकर संभवनाथ की यह जन्मस्थली है। बलरामपुर के नजदीक तुलसीपुर में मां दुर्गा का प्रसिद्ध देवीपाटन मंदिर है। मान्यता के अनुसार यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में शामिल है। भिनगा तक रेल लाइन बिछने से पड़ोसी देश नेपाल की यात्रा भी सुगम हो जाएगी।
एक नजर में नई रेल लाइन
लंबाई - 240 किमी
लागत- 4940 करोड़
क्रासिंग स्टेशन- 16
हाल्ट स्टेशन - 12
बड़े पुल - 32
छोटे पुल - 86
खलीलाबाद से बहराइच नई रेल लाइन परियोजना के अंतर्गत भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। अधिग्रहीत की जाने वाली भूमि का प्लान तैयार किया जा रहा है। चिन्हित भूमि के सत्यापन के लिए संबंधित जिला प्रशासन को दिया जा रहा है। इस परियोजना के क्रियान्वयन से जहां क्षेत्र के लोगों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। जनपदों के विकास को नई रफ्तार मिलेगी। - पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे।