CM योगी बोले- वसूली गैंग के लिए जेलें खाली करा दी गई हैं और 52 महीने में 4.50 लाख युवाओं को नौकरी दी है
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को मिशन रोजगार श्रृंखला कार्यक्रम में कहा कि यूपी में बेसिक शिक्षा कि कितनी दयनीय स्थिति थी यह सब जानते हैं। भवन जर्जर थे, भवन है तो शिक्षक नहीं है। शिक्षक है तो छात्र नहीं है। छात्र हैं भी तो बुनियादी सुविधाएं नहीं है। छात्रों के पास यूनिफॉर्म तो होते थे, मगर नंगे पैर गांव के बच्चों को स्कूल जाना पड़ता था। पूरा विभाग ट्रांसफर पोस्टिंग मे लिप्त था। पारदर्शी प्रक्रिया नहीं होने की वजह से कोर्ट को भी बार-बार कहना पड़ता था।
कार्यक्रम के दौरान सीएम ने बेसिक शिक्षा विभाग के 6696 सहायक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया। उन्होंने कहा कि जब भर्ती शुरू होती थी तो प्रदेश में कुछ लोग वसूली के लिए निकल पड़ते थे। वसूली गैंग चलता था। कुछ परिवार और खानदान ऐसे थे, जिनके लिए आजीविका का जरिया ट्रांसफर-पोस्टिंग ही था। इसका असर शिक्षा पर तो पड़ता ही था। मगर इसके नुकसान पूरे प्रदेश को उठाना पड़ता था। आज हमारी सरकार अपने कार्यकाल के 52 महीने में 4.50 लाख युवाओं को रोजगार दिया है। एक भी नौकरी पर कोई संदेह नहीं कर सकता। भर्ती की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ की गई है।
वसूली गैंग के लिए जेलें भी खाली करा दी हैं
निष्पक्ष और ईमानदार प्रक्रिया युवाओं को लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करती है। जिन लोगों की अवैध कमाई का जरिया बंद हो गया है उन्हें बुरा लगेगा। वसूली गैंग के लिए हमने जेलें भी खाली करवाई हैं। ऐसे लोग जो प्रदेश के नौजवानों के साथ खिलवाड़ करते थे, भर्ती की प्रक्रिया को कलंकित करते थे। उन सबके खिलाफ कठोर कार्रवाई की गई और परिणाम सामने हैं। आज बड़ी से बड़ी परीक्षाएं भी निष्पक्ष और ईमानदारी के साथ हो रही हैं ।
देश की सबसे बड़ी परीक्षा TET होने जा रही है, जो पूरी ईमानदारी के साथ होगी। जो TET एक बार पास करेगा उसकी मान्यता आजीवन होगी। सरकारी या फिर निजी क्षेत्र उसकी योग्यता पर सवाल नहीं खड़ा करेंगे। TET पास करने वाले को आजीवन मौका मिलेगा। जिनको यह पारदर्शी व्यवस्था अच्छी नहीं लग रही है, वो लोग कुछ तो बोलेंगे ही।
युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों की प्रॉपर्टी होगी जब्त
सीएम ने कहा कि जो भी युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा उनकी प्रॉपर्टी जब्त की जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग का हमारा वार्षिक बजट 53 हजार करोड़ से ज्यादा का है। इसका लाभ जनता को मिलना चाहिए। इसलिए हमारे प्राथमिक विद्यालय, कॉन्वेंट स्कूल की तरह दिखाई दें। ये सारी व्यवस्था पहले की सरकारों ने नहीं की थी। जबकि बजट भी था। जब हम 2017 में आए थे तो समस्याएं और चुनौतियां थी। मगर हमने विकास की प्रक्रिया रुकने नहीं दी। पिछले 15 से 16 महीने का समय बहुत संकट वाला रहा।
जूता-मोजा पहन कर गरीब का बच्चा भी जाएगा स्कूल
अब यूपी के स्कूल देखने लायक हैं। आज सरकार छात्रों को दो-दो यूनिफॉर्म बैग और किताबें दे रही हैं। जूते-मोजे भी उन्हें दिए जा रहे हैं। अब गरीब का बच्चा भी अच्छा जूता-मोजा पहन कर स्कूल जाएगा। हालांकि कुछ लोगों को परेशानी है। अगर यह लोग आगे बढ़ जाएंगे तो उनकी सियासत की दुकान बंद हो जाएगी।