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Ghazipur: हड़ताली एंबुलेंस चालकों पर केस दर्ज, गतिरोध जारी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में एस्मा लागू होने के बाद एंबुलेंस चालक तीसरे दिन बुधवार को भी हड़ताल पर रहे और आवाज को बुलंद की। मंगलवार को काम पर लौटने का वादा करने के बाद बुधवार को फिर से आंदोलन करने वालों पर विभाग ने कार्रवाई की। 

एंबुलेंस संचालन के जिलाप्रभारी ने छह नामजद समेत अन्य अज्ञात आंदोलनरत चालकों के खिलाफ केस दर्ज कराया। मुकदमे के बाद आक्रोशित एंबुलेंस चालकों ने लंका मैदान में डेरा जमा लिया और परिसर के अंदर ही नारेबाजी की। देर रात तक एंबुलेंस चालक वाहन को प्रशासन को हैंडओवर करने का इंतजार करते रहे और इसके बाद प्रदर्शन को धार देने के लिए लखनऊ रवाना हो गए। वहीं दूसरी ओर एंबुलेंस की हड़ताल के चलते मरीजों को परेशानियों का समाना करना पड़ा, निजी एंबुलेंस संचालकों ने मौके पर मनामाने दाम लेकर चांदी काटी।


गाजीपुर में मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने में सबसे कारगर साबित हुई 108 व 102 एम्बुलेंस के कर्मचारियों छह सूत्रीय मांगों को पूरा किए जाने की मांगों को लेकर तीसरे दिन लगातार प्रदर्शन किया। एम्बुलेंस कर्मियों ने मांगे पूरी न होने पर कार्य बहिष्कार कर तीसरे दिन जमकर हंगामा किया। कर्मचारियों ने करीब 100 से ज्यादा एंबुलेंस मेडिकल में खड़ी कर दी हैं वहीं कई अन्य जिलों में अपनी मांगों को लेकर एम्बुलेंस चालक धरने पर बैठ गए। 


इसके बाद प्रशासन की चेतावनी नहीं मानने पर विभाग की ओर से प्रदर्शनकारी चालकों पर कार्रवाई की गई। दोपहर बाद गाजीपुर में 102 और 108 के प्रभारी दीपक राय ने छह चालकों को नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ सदर कोतवाली में तहरीर दी, जिस पर केस दर्ज कराया गया। इसके बाद आक्रोशित कर्मचारियों ने शर्ते माने जाने तक काम पर नहीं लौटने की चेतावदी और प्रशासन को वाहन हैंडओवन करने की सूचना दी। शाम तक लंका मैदान में वाहनों को लेकर एंबुलेंसकर्मी जुटे रहे लेकिन प्रशासन ने अभी वाहनों के हैंडओवर की प्रक्रिया नहीं की। चालकों ने बताया कि अब लखनऊ जाएंगे और वहीं से आंदोलन को गति देंगे।


एंबुलेंस कर्मियों ने रविवार रात 12:00 बजे विभिन्न अस्पतालों और गाजीपुर जिला अस्पताल में एंबुलेंस खड़ी कर रखी हैं। इससे मरीजों और उनके परिवारीजनों में हाहाकार मचा हुआ है। इसमें कर्मचारी समायोजन, समान कार्य व समान वेतन कोरोना काल में मृतक कर्मियों को बीमा राशि 50 लाख रुपये की सहायता राशि सरकार के द्वारा दी जाए। सभी एंबुलेंस कर्मचारियों को प्रति वर्ष महंगाई भत्ता आदि मांगा। मांग की कि कर्मियों को यथा स्थिति नौकरी पर रखा जाए।

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