मायावती का बड़ा आरोप, भाजपा को वोट देकर पछता रहा है ब्राह्मण
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. बसपा सुप्रीमो मायावती ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ब्राह्मण कार्ड खेलते हुए कहा है कि भाजपा को वोट देकर ब्राह्मण पछता रहा है। ब्राह्मण समाज ने भाजपा के बहकावे में आकर इनकी सरकार यूपी में बनवाई, लेकिन अब ये लोग इस पार्टी को अपना वोट देकर व इनकी सरकार बनवाकर काफी पछता रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में ब्राह्मणों को फिर से बसपा के साथ आ जाना चाहिए। ब्राह्मण समाज का हित बसपा व इसकी सरकार में ही सुरक्षित रह सकता है।
बसपा सुप्रीमो ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भाजपा सरकार की खराब कानून-व्यवस्था व जातिगत और धार्मिक द्वेष की भावना से होने वाला शोषण, उत्पीड़न किसी से छिपा नहीं है। खासकर ब्राह्मण समाज इस सरकार में ज्यादा दुखी है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के बहकावे में आकर ब्राह्मणों ने इनकों एकतरफा वोट देकर पूरे पांच साल के लिए सरकार बनवाई। यही समाज अब सबसे ज्यादा दुखी है।
इसी का अहसास कराने व इनकी धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखकर उनके निर्देश पर सतीश चंद्र मिश्रा 23 जुलाई से अयोध्या से सम्मेलन की शुरुआत कर रहे हैं। इसका मकसद वर्ष 2007 की तरह ब्राह्मणों को फिर से बसपा में जोड़ना है। मुझे पूरी उम्मीद है कि यूपी का ब्राह्मण समाज अपने मान-सम्मान व सुरक्षा और तरक्की के लिए फिर से बसपा से जुड़कर इस बार अपने सर्वसमाज की लोकप्रिय सरकार जरूर बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज के लोगों से मेरा यह भी कहना है कि आपने पहले कांग्रेस आदि को आजमाया है। भाजपा को भी आजमा लिया है अब और इनको कितना आजमाएंगे। भाजपा को कांग्रेस की तरह तिलांजलि देने का सही समय आ गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में मुझे प्रदेश के दलितों पर दिल से पूरा नाज व गर्व है कि वे लोग हमेशा की तरह जरा भी नहीं डगमगाए और एकजुट होकर बसपा को वोट किया। इसका परिणाम है कि बसपा को वर्ष 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में भले ही सीटें कम मिली हों, वोट का प्रतिशत (22.23) कम नहीं हुआ बल्कि सपा (21.82) से भी ज्यादा था। हालांकि, भाजपा व कांग्रेस ने दलितों को लालच व साम, दाम, दंड, भेद जैसे हथकंडे अपनी तरफ करने के लिए अपनाए पर सफल नहीं हुए।
उन्होंने कहा कि संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। इस सत्र में पार्टी ने संसद के दोनों सदन में अपने सांसदों को यह निर्देशित किया है कि वे देश, राष्ट्रहित व जनहित के मुद्दों को पूरी तैयारी दमदारी के साथ उठाएं। अपील करते हुए कहा कि सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर सरकार को कठघरे में खड़ा करें और तीन नए कृषि कानूनों की वापसी का भी दबाव बनाए। उन्होंने कहा कि देश में बढ़ती बेरोजगारी, पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस आदि की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि से व महंगाई के आसमान छूने से भी अब लोगों के सामने काफी मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। इस पर भी केंद्र सरकार की लापरवाही से जनता काफी त्रस्त है।