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प्रधानमंत्री को जिन 9 मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण करना था, MCI से उन कॉलेजों को मान्यता ही नहीं

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश के 9 मेडिकल कॉलेजों के उद्धाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 30 जुलाई को होने वाला दौरा रद्द हाे गया है। वजह यह है कि प्रधानमंत्री को जिन मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण करना था, अब तक उसे मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) से मान्यता ही नहीं मिली है।

पहले यह तय हुआ था कि प्रधानमंत्री 30 जुलाई को सिद्धार्थनगर से एक साथ यूपी के 9 नए मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन करेंगे।


उद्घाटन भले ही टल गया है लेकिन प्रदेश के 9 जिलों में बने इन मेडिकल कॉलेजों के नामकरण को लेकर सियासत शुरू हो गई है। विपक्षी दल भाजपा पर नामकरण की सियासत का आरोप लगा रहें है।


जनपद प्रतापगढ़ बने मेडिकल कॉलेज का नाम अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल के नाम पर रखा गया है और इससे संबद्ध चिकित्सालय का नाम 'राजा प्रताप बहादुर चिकित्सालय, प्रतापगढ़' करने का निर्णय लिया है। वहीं, सिद्धार्थनगर में बने मेडिकल कॉलेज का नाम यूपी भाजपा के पहले प्रदेश अध्यक्ष माधव प्रसाद त्रिपाठी के नाम पर रखा गया है। मिर्जापुर का मेडिकल कॉलेज ‘मां विंध्यवासिनी’ के नाम पर होगा, जबकि गाजीपुर में नवस्थापित मेडिकल कॉलेज को महर्षि विश्वामित्र के नाम से जाना जाएगा। इतना ही नही देवरिया में बने नए मेडिकल कॉलेज का नाम का महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज होगा।


नाम के पीछे सियासत की कहानी

योगी सरकार में बने इन नए मेडिकल कॉलेजों के कुछ नामों को लेकर सियासत हो ही है। आखिर इसके पीछे की कहानी क्या है? आईये आपको समझते हैं।

नाम: 'सोनेलाल पटेल स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय

स्थान- प्रतापगढ़।

नाम के पीछे की कहानी- 'अपना दल' के संसथापक सोनेलाल पटेल, यूपी में (कुर्मी जाति) पटेलों को सबसे बड़े नेता माने जाते है। इस नाम से जाति का सम्मान जुडा है।

राजनीति में असर: यूपी के 16 जिलों में कुर्मी-पटेल वोट बैंक 12 फीसदी तक है। इसमें प्रतापगढ़ जिला भी आता है।

अभी किसके साथ: अपना दल फिलहाल भाजपा के साथ है और माना जा रहा है कि इन नामकरण से पूर्वांचल के 16 जिलों में इसका असर होगा।

नाम: स्वर्गीय माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज

स्थान: सिद्धार्थनगर।

नाम के पीछे की कहानी: माधव त्रिपाठी बीजेपी के पहले प्रदेश अध्यक्ष थे। साथ ही पूर्वांचल में ब्राह्मणों के सबसे बड़े नेता के तौर पर पहचान थी। आज भी माधव त्रिपाठी के नाम के साथ ब्राह्मणों का सम्मान जु़ड़ा है।

राजनीति में असर: यूपी में ब्राह्मण वोट बैंक करीब 13% है, और प्रभाव पूर्वांचल में ज्यादा है।

अभी किसके साथ: फिलहाल ब्राह्मण भाजपा के साथ है। 2017 मे 80 फीसदी ब्राह्मणों ने भाजपा को वोट किया था, हालांकि कुछ समय से नाराजगी की चर्चा भी है।

नाम: वीरांगना अवंती बाई लोधी मेडिकल कॉलेज

स्थान- एटा।

नाम के पीछे की कहानी-देश की प्रथम महिला स्वतंत्रता सेनानी और शहीद वीरांगना अवंती बाई लोधी, पूरे यूपी समाज में लोधी जाति के लिए सम्मान का नाम है।

राजनीति में असर: लोधी समाज का एटा,आगरा और आस-पास के जिलों में प्रभाव सबसे ज्यादा है।

अभी किसके साथ: फिलहाल भाजपा के साथ हैं।

नाम-उमानाथ सिंह मेडिकल कॉलेज

स्थान- जौनपुर

नाम के पीछे की कहानी- उमानाथ सिंह 2 बार भाजपा विधायक रहे और भाजपा सरकार में कारागार मंत्री रहे। इनको जनपद जौनपुर में शहीद का दर्जा दिया जाता है और उमानाथ सिंह के नाम से जिला अस्पताल और अब मेडिकल कॉलेज का नाम रखा गया है।

राजनीति में असर- उमानाथ सिंह का नाम पूर्वांचल के कई जिलों में मायने रखता है। इसका असर ठाकुर वोट बैंक पर भी पड़ेगा।

अभी किसके साथ- फिलहाल भाजपा के साथ।

नाम- महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज

स्थान- गाजीपुर।

नाम के पीछे की कहानी- प्राचीन काल में महर्षि विश्वामित्र के पिता राजा गाधि की राजधानी गाधिपुरी था। गाधिपुरी का अपना वैभवशाली अतीत रहा है। गाजीपुर का प्राचीन नाम गाधिपुरी बताया जाता है। भाजपा सरकार में गाजीपुर का नाम बदलने की मांग उठती रही है। ऐसे में जिले का नाम न बदलकर मेडिकल कॉलेज का नाम विश्वामित्र के नाम करके यहां भाजपा ध्रुवीकरण करना चाहती है। राजनीति में असर-विश्वामित्र राम से जुड़े है लिहाजा हिंदुओं को प्रभावित करेंगे।


इससे साथ ही सरकार ने मिर्जापुर में बने नए मेडिकल कॉलेज नाम ‘मां विंध्यवासिनी’ के नाम पर रखने का फैसला किया है। यह एक शक्ति पीठ है। यूपी के लाखों लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र है। साफ है कि नाम के पीछे की कहानी के भाजपा की सियासी रवायत को आसानी से समझा जा सकता है।


सपा ने कहा- भाजपा नाम पर सियासत करती है

समाजावादी पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक मिश्रा का दावा है कि जिन 9 मेडिकल कालेज का उद्धाटन हो रहा है, उन सभी मेडिकल कॉलेजों को बनाने के काम समाजवादी पार्टी ने शुरू किया था। भाजपा बस उनके नाम बदल रही है। अभिषेक मिश्रा कहते है कि भाजपा जबसे सत्ता में आई है, तबसे सिर्फ अखिलेश यादव के कामों का नाम बदल कर उद्धाटन कर रही है।


योगी ने कहा- छह माह में यूपी के सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज

सीएम योगी ने कहा कि 1947 से 2016 तक उत्तर प्रदेश में सिर्फ 12 राजकीय मेडिकल कॉलेज थे। जबकि 2017 से 2021 के बीच महज साढ़े चार सालों में 32 नए राजकीय मेडिकल कॉलेज बनाए गए हैं। अब तक 59 जिलों में मेडिकल कॉलेज हैं। केंद्र सरकार के सहयोग और राज्य सरकार खुद के संसाधनों से प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की श्रृंखला खड़ी कर रही है। महराजगंज, संतकबीरनगर, मऊ, बलिया जैसे जो 16 ऐसे जिलें है, जहां फिलहाल मेडिकल कॉलेज नहीं है, लेकिन यहां भी यूपी सरकार केंद्र सरकार के सहयोग से पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलेगी।


गोरखपुर AIIMS का अक्टूबर में पीएम करेंगे उद्घाटन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों को विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी। कभी पूर्वांचल में बीआरडी मेडिकल कॉलेज ही चिकित्सा सेवा का एकमात्र बड़ा केंद्र था। अब देवरिया, बस्ती, सिद्धार्थनगर में मेडिकल कॉलेज हैं। कुशीनगर में निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाओं वाला एम्स भी गोरखपुर में सेवा देने लगा है। इसका भी उद्घाटन अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कराया जाएगा। - मीडिया इनपुट्स के साथ 


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