रेलवे में टीसी की नौकरी के नाम पर ठगे 41 लाख, फर्जी ज्वाइनिंग लेटर से दिलाई ट्रेनिंग
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। जालसाजों के गिरोह ने बेरोजगार युवकों से सरकारी नौकरी का सब्जबाग दिखाकर 41 लाख रुपए की ठगी की। खास यह है कि फर्जी ज्वाइनिंग लेटर पर जलसाजों ने मेडिकल भी करा दिया। 15- 15 दिनों की ट्रेनिंग भी हो गई।
मामला प्रकाश में आने के बाद हरकत में आई सिगरा पुलिस टीम ने गत शुक्रवार की रात लखनऊ स्थित सुशांत गोल्फ सिटी से मुख्य अभियुक्त अमरीश गौतम को गिरफ्तार कर लिया। अगले दिन शनिवार को लौटी टीम ने विधिक कार्रवाई के बाद अभियुक्त को जेल भेज दिया गया। शेष नामजद अभियुक्तों की तलाश जारी है। टीम में उप निरीक्षक मो सूफियान खान, अजीत कुमार, हेड कांस्टेबल राजेश सिंह व कांस्टेबल राकेश सिंह शमिल थे।
फर्जी रेल अफसर बनकर बनाया शिकार : गिरोह का सरगना और मुख्य अभियुक्त अमरीश गौतम खुद को रेल अफसर जाहिर कर बेरोजगारों को ठगता था। उसके पास से एसईआर (साउथ ईस्टर्न रेलवे) में एसएससी का फर्जी आई कार्ड भी बरामद हुआ है।
भुक्तभोगी आजमगढ़ के जहानगंज स्थित मुस्तफाबाद निवासी दीपक शर्मा ने बताया कि पिछले साल वह नौकरी की तलाश में इधर उधर भटक रहा था। उसकी मुलाकात प्रतापगढ़ निवासी शैलेश उपाध्याय उर्फ आकाश उपाध्याय से हुई। शैलेश ने गिरोह के अन्य सदस्यों पटना (बिहार) के रितेश गुप्ता और अमरीश गौतम से दीपक का परिचय कराया। रितेश खुद को डीआरएम बताकर दीपक और उसके दोस्तों पर विश्वास जमा लिया।
टीसी की ट्रेनिग में खुली पोल : रेलवे में भर्ती के नाम पर फर्जीवाड़े के खेल से परदा ट्रेनिंग के दौरान उठ गया। रोडवेज पुलिस चौकी प्रभारी मो सूफियान खान ने बताया कि दीपक और उसके साथियों को ठगे जाने की जानकारी तब हुई, जब पूर्वोत्तर रेलवे के अफसरों ने एक दिन कड़ाई से पूछताछ किया। तथ्य सामने आते ही सभी के होश उड़ गए। भुक्तभोगी ने गत जनवरी 2021 को सिगरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया। गिरफ्तारी के भय से तीनों अभियुक्त भाग निकले।
आठ युवकों से 41 लाख की ठगी : अमरीश गौतम और उसके सहयोगियों ने मिलकर दीपक शर्मा, राजन यादव, अर्जून शर्मा और राहुल सिंह समेत आठ युवकों से 41 लाख रुपए की ठगी की थी। आरोप है कि पैसा मांगने पर भुक्तभोगियों को धमकाया जाता था।