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उप्र के 21 हजार मदरसा शिक्षकों को 4 साल से नहीं मिल पा रहा पूरा वेतन, जानिए पूरा मामला

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उप्र के 21 हजार 200 आधुनिक मदरसा शिक्षकों को पिछले चार वर्षों से पूरा वेतन नहीं मिल पा रहा है। आल इण्डिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया के राष्ट्रीय महामंत्री वहीदुल्लाह खान के अनुसार वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21 का केन्द्रांश न मिलने की वजह से आधा अधूरा वेतन ही मिल पा रहा है।

राज्याशं की जो राशि मिलती है, उससे इन शिक्षकों को हर महीने दो से तीन हजार रुपये मिल जाया करते थे। मगर पिछले चार महीनों से यह राज्यांश भी नहीं मिल पा रहा है। यह शिक्षक मदरसों में गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, कम्प्यूटर आदि आधुनिक विषय पढ़ाते हैं। राज्यांश से बीए पास शिक्षकों को दो हजार और बीएड, एमए योग्यता वाले को तीन हजार रुपये मिलते रहे हैं। केन्द्रांश अगर मिलता तो बीए पास योग्यता वाले शिक्षकों को दस हजार और बीएड, एमए योग्यता वाले शिक्षकों को 12 से 15 हजार रुपये मिलते। 


इस बारे में उन्होंने मुख्यमंत्री को हाल ही में पत्र लिखा है। इस पत्र में कहा है कि केंद्र सरकार की नई गाइडलाइंस के अनुसार इन शिक्षकों को वेतन भत्ते आदि की सम्पूर्ण राशि का 60 प्रतिशत केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। जिसकी प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृति देते हुए कार्यवाही भी की गई है। इस बारे में राज्य सरकार से कई बार अनुरोध किया जा चुका है कि आधुनिक मदरसा शिक्षकों के केन्द्रांश मानदेय भुगतान के बारे में केन्द्र सरकार द्वारा धनराशि उपलब्ध करवाने पर ठोस कार्रवाई जाए। इस पत्र की प्रति प्रधानमंत्री और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री को भी भेजी गई है।


आर.पी.सिंह, रजिस्ट्रार, उ.प्र.मदरसा शिक्षा परिषद का कहना है कि पिछले साल 2016-17 का  केन्द्रांश का 189 करोड़ और मार्च 2021 तक का  राज्यांश का करीब 90 करोड़ मिला था, उससे इन शिक्षकों के बकाया वेतन भत्तों आदि के बकाये का जितना सम्भव हो सका भुगतान किया गया। मगर अब पिछला बकाया पड़ा हुआ है। चूंकि बजट प्रावधान कम कर दिए गए हैं, इसलिए दिक्कत तो है।

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