शिक्षकों को अब छुट्टी लेने के लिए मानव संपदा पोर्टल पर करना होगा आवेदन, शुरू हुई नई व्यवस्था
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की छुट्टियां मंजूर करने में अब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों और खंड शिक्षा अधिकारियों की मनमानी नहीं चलेगी। शिक्षकों का अवकाश अस्वीकृत करने पर अब मानव संपदा पोर्टल पर इसका कारण बताना होगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए पोर्टल पर एक मेन्यू जोड़ा है जिसके माध्यम से अवकाश अस्वीकृत किए जाने का कारण स्पष्ट करना होगा। किसी भी अवकाश के आवेदन को लंबित रखने या अकारण नामंजूर करने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने इस बारे में सभी बीएसए और खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि शिक्षकों के अवकाश दो सितंबर 2019 को जारी शासनादेश में निर्धारित समयसारिणी के अनुसार स्वीकृत किया जाए। यदि अवकाश स्वीकृत करने में तय समयसीमा से ज्यादा एक दिन भी विलंब होता है तो यह माना जाएगा कि जिला व ब्लाक स्तर से शिक्षकों का शोषण किया जा रहा है।
मानव संपदा पोर्टल की रिपोर्ट में अवकाश स्वीकृति में विलंब या अस्वीकृत होने की दशा में आइवीआरएस के माध्यम से शिक्षकों का फीडबैक लिया जा रहा है जिसकी रिकार्डिंग भविष्य में आवश्यकतानुसार कार्यवाही के लिए सुरक्षित रखी जा रही है। प्रेरणा इंस्पेक्शन माड्यूल और मानव संपदा पोर्टल की लाइव रिपोर्ट को लिंक करके यह भी देखा जाएगा कि कौन-कौन से शिक्षक बिना अवकाश लिए अनधिकृत रूप से स्कूल में अनुपस्थित हैं। ऐसी स्थिति में शिक्षक और खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
मानव संपदा पर अवकाश के लिए आवेदन करने के बाद संबंधित शिक्षक से व्यक्तिगत रूप से संपर्क नहीं किया जाएगा। किसी भी प्रकार के अवकाश संबंधी अभिलेख के लिए उन्हें नहीं बुलाया जाएगा। यदि कहीं ऐसी स्थिति का पता चलेगा तो खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ विजिलेंस जांच शुरू कर दी जाएगी।
शिक्षकों को जून का वेतन ऑनलाइन ट्रांसफर होगा: परिषदीय शिक्षकों के जून माह का वेतन शत-प्रतिशत ऑनलाइन माध्यम से हस्तांतरित करने का निर्देश दिया गया है। ऑनलाइन ट्रेजरी के माध्यम से वेतन हस्तांतरण न होने की स्थिति में खंड शिक्षा अधिकारी/लेखाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मानव संपदा पोर्टल पर एरियर के लिए मॉड्यूल विकसित किया जा चुका है। जल्द ही इसे भी लाइव किया जाएगा और आने वाले समय में एरियर का निस्तारण भी ऑनलाइन माध्यम से किया जाएगा।