यूपी बोर्ड में इंटर का परिणाम भी सौ प्रतिशत, टूट गया वर्ष 2013 का भी रिकॉर्ड
गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद में वर्ष 2021 स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो गया है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड के करीब सौ वर्ष के इतिहास में यह पहला अवसर है जबकि हाईस्कूल तथा इंटर की परीक्षा में परिणाम सौ प्रतिशत है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद में कोरोना वायरस संक्रमण महामारी के विकट दौर में कक्षा दस के बाद इंटर में भी सौ प्रतिशत परिणाम का रिकॉर्ड बन गया है। डिप्टी सीएम तथा उच्च व माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के साथ मंत्रणा के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने 12वीं की परीक्षा को रद करने का फैसला किया है। इसी के कारण बोर्ड ने 2021 में आठ वर्ष पहले बने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है।
परीक्षार्थियों की संख्या के लिहाज से दुनिया के सबसे बड़े यूपी बोर्ड ने 2013 की इंटरमीडिएट परीक्षा में सर्वाधिक सफलता प्रतिशत का रिकॉर्ड बनाया था। इस बार इंटर की परीक्षा रद होने से सभी परीक्षार्थियों को प्रमोट होने का अवसर मिल गया है।
सर्वविदित है कि कोरोना वायरस संक्रमण जैसी महामारी हर सदी में एक बार आती रही है। विश्व में पिछली महामारी स्पेनिश फ्लू बताई जाती है। उस समय वर्ष 1918 में यूपी बोर्ड अस्तित्व में ही नहीं था। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड के सौ वर्ष के इतिहास में हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाएं निरंतर होती रही हैं। यह जरूर है परीक्षाओं के माह समय के अनुरूप बदलते रहे हैं। पहली बार हाईस्कूल और इंटर का इम्तिहान रद हो गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीबीएसई परीक्षा तैयारियों की समीक्षा में इम्तिहान रद करने का निर्णय लिया और मंगलवार को ही कुछ अंतराल में सीआइएससीई ने भी इंटर की परीक्षाएं रद करने का ऐलान कर दिया है। इसके बाद गुरुवार को यूपी बोर्ड की इंटर की परीक्षा को भी रद करने की घोषणा की गई है। सीबीएसई की इंटर परीक्षा में देशभर में 14 लाख 30 हजार ही परीक्षार्थी हैं और यूपी में करीब दो लाख। यूपी बोर्ड की इंटर परीक्षा में कुल परीक्षार्थियों की तादाद 26 लाख से अधिक है। इस संख्या के हिसाब से छात्र-छात्राओं की महामारी में सुरक्षा करने की सबसे अधिक चिंता यूपी बोर्ड को ही करनी है। यह भी अहम है कि यूपी बोर्ड की इंटर परीक्षा 2020 में 25.86 लाख परीक्षार्थी ही पंजीकृत रहे हैं, जबकि इस वर्ष परीक्षार्थी पिछले वर्ष से करीब 23 हजार अधिक हैं। बोर्ड का पंजीकरण कोरोना संक्रमण में इंटर में बढ़ा है।
यूपी बोर्ड के दस वर्ष के इंटर के परिणाम
वर्ष इंटर
2010 80.54
2011 80.14
2012 89.40
2013 92.68
2014 92.21
2015 88.83
2016 87.99
2017 82.62
2018 72.43
2019 70.06
2020 74.63।