Ghazipur: दादा के श्राद्धकर्म के दौरान डूबे युवक का शव तीसरे दिन नदी में उतराया मिला, परिवार में कोहराम
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. दादा के श्राद्धकर्म के दौरान बुधवार को कर्मनाशा नदी में स्नान करते वक्त डूबे युवक का शव तीसरे दिन शुक्रवार किनारे उतराता मिला। सुरहां के पास कर्मनाशा नदी के जलकुंभी में शव फंस गया और आसपास के लेागों की नजर पड़ी तो उसे बाहर निकाला गया। पुलिस ने उसकी शिनाख्त दो दिन पहले बुधवार को अमौरा में डूबे युवक अभिषेक के रुप में की। जानकारी होते ही मौके पर परिजनों समेत ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। शव को नदी से शव बाहर निकालने के बाद परिजन लिपटकर रोने बिलखने लगे। परिजनों के आग्रह पर पुलिस ने पंचनामा भर युवक के शव को उन्हें सौंप दिया।
दिलदारनगर थाना क्षेत्र के अमौरा निवासी रामप्रवेश यादव वाराणसी में दवाओं के विक्रेता हैं। वहीं पत्नी और परिवार के साथ मकान बनाकर परिवार के साथ रहते हैं। बेटों अभिषेक यादव (18) व उसका भाई अजय यादव (18) दोनों इंटरमीडिएट के छात्र हैं और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। रामप्रवेश के पिता इंद्रदेव यादव (70 वर्ष) का चार मई को निधन हो गया था। उस समय कोरोना व पंचायत चुनाव होने की वजह से वह श्राद्धक्रम नहीं करा सके थे। अनलॉक होने के बाद पिछले दिनों रामप्रवेश अपने जुड़वां पुत्रों के साथ श्राद्ध कार्यक्रम कराने के लिए वाराणसी से गांव अमौरा आये थे। पैतृक गांव अमौरा में कर्मकांड के लिए कर्मनाशा घाट पर नहाने के लिए परिजन बुधवार को गए थे। इसी बीच जुड़वा भाई अभिषेक और अजय यादव नहाते हुए गहराई में चले गए और डूबने लगे। अपनी आंखों के सामने अपने पुत्रों को डूबता देख रामप्रवेश यादव चीखने-चिल्लाने लगे। वहां मौजूद लोगों ने अजय को किसी तरह बचा लिया पर अभिषेक तेज धारा में बह गया। चीख-पुकार सुनकर घाट पर बडी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ जुट गयी।
सूचना पर पहुंची पुलिस गोताखोरों को बुलाकर अभिषेक की खोजबीन शुरू करायी, लेकिन दो दिनों तक उसका कुछ पता नहीं चल सका था। तीसरे दिन शुक्रवार को नदी में अभिषेक का शव उतराया मिला। उपजिलाधिकारी रमेश मौर्य व तहसीलदार आलोक कुमार भी वहां पहुंचकर शव की खोज के लिए एनडीआरएफ टीम को बुलाने के लिए उच्चधिकारियों से मांग की थी। सुरहा गांव के पास कर्मनाशा में उसका शव उतराया हुआ देखकर ग्रामीणों ने सूचना परिजनों व पुलिस को दी। पुलिस ने ग्रामीणों के सहयोग से शव को नदी से बाहर निकला और शव को देखते ही परिजन बिलख-बिलख कर रोते रहे। दिलदारनगर थाना निरीक्षक कमलेश पाल ने बताया कि परिजन शव का पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते थे, जिनके आग्रह पर पंचनामा भरकर शव को परिजनों को सौंप दिया गया।