नए डीजीपी को लेकर काउंटडाउन शुरू, 30 जून को रिटायर हो रहे हैं हितेश चंद्र अवस्थी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में नए डीजीपी को लेकर काउंट डाउन शुरू हो गया है। मौजूदा डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी 30 जून को रिटायर हो रहे हैं। नया डीजीपी कौन बनेगा इसके लिए कयास लगाए जाने लगे हैं। जिन अफसरों के नामों की चर्चा डीजीपी के रूप में की जा रही है, उनमें 1987 बैच के आईपीएस मुकुल गोयल का नाम सबसे ऊपर है। गोयल केंद्र में बीएसएफ में एडीजी हैं। हालांकि उनसे वरिष्ठ अधिकारियों में नासिर कमाल और सुजानवीर सिंह का नाम जरूर है, लेकिन उनके डीजीपी बनने की संभावना न के बराबर है।
नासिर कमाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और सुजानवीर सिंह प्रशिक्षण निदेशालय में डीजी हैं। सुजानवीर का सितंबर में रिटायरमेंट भी है। गोयल के बाद वरिष्ठता के क्रम में डीजी ईओडब्ल्यू आरपी सिंह हैं। आरपी सिंह ने न सिर्फ ईओडब्ल्यू और एसआईटी को नई पहचान दी है, बल्कि कई बड़े घपलों की समयबद्ध जांच भी पूरी की है।
विश्वजीत महापात्रा को हाल ही में सीबीसीआईडी के डीजी के पद से हटाया गया है। निर्णय अगर जातीय समीकरण को देखकर किया जाएगा तो उसमें राजकुमार विश्वकर्मा के डीजीपी बनने की संभावना बढ़ जाएगी। हालांकि इसके लिए उन्हें कई अधिकारियों को सुपरसीड करना पड़ेगा। डीजीपी के रूप में डीजी जेल आनंद कुमार और डीजी इंटेलीजेंस डीएस चैहान के नामों की चर्चा भी है।
केंद्र तय करेगा यूपी के डीजीपी के लिए तीन नाम
दरअसल प्रदेश का डीजीपी कौन होगा यह केंद्र सरकार का पैनल तय करता है। इसके लिए अधिकारी का 30 साल का रिकॉर्ड देखा जाता है। उसके बाद तीन नाम तय कर प्रदेश को भेजा जाता है, जिसमें मुख्यमंत्री तय करते हैं कि डीजीपी इन तीन में से कौन होगा।
सरकार के पास कार्यवाहक डीजीपी बनाने का अधिकार
प्रदेश सरकार कार्यवाहक डीजीपी भी बना सकती है। सुलखान सिंह के रिटायरमेंट के बाद आनंद कुमार 22 दिन तक कार्यवाहक डीजीपी रहे हैं। इसी तरह ओपी सिंह के रिटायरमेंट के बाद एचसी अवस्थी को पहले कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था, बाद में पूर्ण कालिक डीजीपी बनाया गया था।