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ओमप्रकाश राजभर बोले: यूपी में 403 सीटों पर संगठन मजबूत करने का काम चल रहा है

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. यूपी में बीते छह माह में विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों को लेकर छोटी और बड़ी पार्टियों की सियासी उठापटक जारी है। इसी बीच रविवार को एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने उत्‍तर प्रदेश में पार्टी की ओर से सौ प्रत्‍याशियों को उतारने की घोषणा करके सियासी चर्चाओं को गरम कर दिया था। ठीक अगले दिन यूपी में उनके सहयोगी ओम प्रकाश राजभर की ओर से ओवैसी के यूपी में सीटों के बंटवारे और खुद के लिए सौ सीटों के दावे का खंडन भी ट्वीट करके जारी कर दिया गया। 

ओम प्रकाश राजभर ने कहा : सोमवार को सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने ट्वीट कर कहा कि - भागीदारी संकल्प मोर्चा में अभी सीटों को लेकर कोई फैसला नही हुआ है। मोर्चा तय करेगा सीट : मोर्चे में शामिल सभी घटक दलों में सीटों को लेकर कोई झगड़ा नहीं है। 403 सीटों पर संगठन मजबूत करने का काम चल रहा है। यूपी में भाजपा को हराने के लिए जो भी पार्टी साथ आना चाहे उनका स्वागत है।


रविवार को असदुद्दीन ओवैसी ने कहा : रविवार को एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि - उ.प्र. चुनाव को लेकर मैं कुछ बातें आपके सामने रख देना चाहता हूं। पहला कि हमने फैसला लिया है कि हम 100 सीटों पर अपना उम्मीदवार खड़ा करेंगे, पार्टी ने उम्मीदवारों को चुनने का प्रक्रिया शुरू कर दी है और हमने उम्मीदवार आवेदन पत्र भी जारी कर दिया है। दूसरा हम ओपी राजभर साहब 'भागीदारी संकल्प मोर्चा' के साथ हैं। तीसरा हमारी और किसी पार्टी से चुनाव या गठबंधन के सिलसिले में कोई बात नहीं हुई है।


सीटों के बंटवारे के दावे पर असमंजस : रविवार को एआइएमआइएम प्रमुख असद ओवैसी की ओर से वक्‍तव्‍य जारी कर उत्‍तर प्रदेश में सौ सीटों पर अपनी पार्टी की ओर से उम्‍मीदवार उतारने की जानकारी देकर सियासी चर्चाओं को बल दिया था। मगर सोमवार को यूपी में 'भागीदारी संकल्प मोर्चा' में शामिल दूसरे दल सुभासपा के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने यूपी में अभी तक सीटों के बंटवारे को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं होने की जानकारी देकर ओवैसी के दावों का अगले दिन ही खंडन कर दिया है।


अन्‍य दलों को साथ लेने पर भी स्‍पष्‍ट नहीं : एआइएमआइएम प्रमुख असद ओवैसी ने जहां 'भागीदारी संकल्प मोर्चा' में तीसरे दल या अन्‍य से गठबंधन नहीं होने की जानकारी दी वहीं ओमप्रकाश राजभर ने इस मुद्दे पर भी स्‍पष्‍ट किया कि यूपी में भाजपा को हराने के लिए जो पार्टी साथ आए उसका स्‍वागत है। इस लिहाज से मोर्चा में किसी अन्‍य दल को शामिल करने को लेकर भी अभी तक दोनों दलों के बीच कोई मतैक्‍य सामने नहीं आया है।  


सुभासपा के साथ पूर्वांचल का सफर : एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के साथ ही सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर का एक दिवसीय पूर्वांचल का सियासी दौरा इसी साल 12 जनवरी को हुआ था। इस दौरान दोनों ही प्रमुख नेताओं ने वाराणसी के अलावा जौनपुर, आजमगढ़ और मऊ जिले में कार्यकर्ताओं संग बैठक करने के साथ ही जगह जगह स्‍वागत समारोह के बीच कार्यकर्ताओं काे संबोधित भी किया था। इस दौरान ही दोनों दलों के बीच पूर्वांचल में सियासी सफर शुरू करने की जानकारी सामने आई थी।


भाजपा से बिगड़ गए थे संबंध : विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ने के बाद सुभासपा पार्टी और सरकार में भी शामिल हो गई थी। वर्ष 2019 में सुभासपा के भाजपा से संबंध खराब होने शुरू हुए और दोनों दलों की राहें अलग हो गईं। लोकसभा चुनाव भी सुभासपा ने भाजपा से अलग होकर ही लड़ा था। वर्ष 2019 में सुभासपा और भाजपा के बीच तीखी बयानबाजी का लंबा दौर चलने के बीच ओम प्रकाश राजभर ने कई मौकों पर सरकार को असहज भी किया था। लिहाजा दोनों दलों का यह संबंध लंबा नहीं चल सका। इसके बाद ओम प्रकाश राजभर ने पूर्वांचल में ओवैसी की पार्टी के साथ जनवरी 2021 में सियासी दौरा कर सत्‍ता के गलियारे में हलचल पैदा की थी।

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