कोविड प्रोटोकॉल को भूलकर पूर्वांचल के जिलों में शुरू हुई 'कोरोना माई' की पूजा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. यह कई महिलाओं के दिल का दर्द है, जो अब कोरोना को देवी मान उससे मुक्ति के लिए विनती कर रही हैं. इस महामारी के दौरान कई आश्चर्यजनक तस्वीरें रविवार को सामने आई हैं. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के वाराणसी और दूसरा कुशीनगर से सामने आया है, जहां महिलाएं इस खतरनाक वायरस को 'कोरोना माई' मानकर पूजा में जुट गईं हैं. वाराणसी के जैन घाट पर कोरोना को देवी मानकर सुबह शाम महिलाएं पूजन पाठ में जुटी नजर आ रही हैं. इस विश्वास के साथ की इस बीमारी से देवी मां जल्द निजात दिलाएंगी.
इन दिनों काशी के जैन घाट किनारे महिलाएं दर्जनों की संख्या में जुटी हैं. उन्होंने कोरोना को देवी की संज्ञा देकर उन को प्रसन्न करने करने के लिए 21 दिनों तक पूजन का बीड़ा उठाया है. एक श्रद्धालु ने बताया कि हम यह पूजा कर रहे हैं ताकि इस महामारी से बचा जा सके. हमें यकीन है कि जल्द ही इस बीमारी से सभी को मुक्ति भी मिलेगी.
दूसरी तस्वीर यूपी के कुशीनगर जिले से सामने आई हैं. जहां कोरोना को भगाने के लिए अंधविश्वास का सहारा गांव वालों ने लिया है. बताया जा रहा है कि एक सोखा के कहने पर हाटा कोतवाली के डुमरी मलाव गांव की महिलाएं 'कोरोना माई' की पूजा में जुट गई है. महिलाएं मंदिर के पास घेरा बनाकर पूजा करती नजर आ रही हैं. वहीं महिलाएं घंटों पूजा करती रही, लेकिन स्थानीय पुलिस को भनक तक नहीं लगी. इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल की जमकर धज्जियां उड़ाई गई.