कोरोना महामारी में माता-पिता के मौत के बाद बेसहारा बच्चो को सहारा देगी योगी सरकार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की सेकेंड स्ट्रेन के कारण अपने माता-पिता को गंवा देने वाले निराश्रित बच्चों का सहारा योगी आदित्यनाथ सरकार बनेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है। इन बच्चों को बाल सेवा योजना के अंतर्गत इनके बालिग होने तक योगी आदित्यनाथ सरकार सारा खर्च उठाएगी। उत्तर प्रदेश ने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अपने माता-पिता को गंवा देने वाले निराश्रित बच्चों के भविष्य को संवारने का बीड़ा उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में शनिवार को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत की है। जिसके अंतर्गत बच्चों की पढ़ाई के साथ ही विवाह का खर्च सरकार देगी। इनकी ऑनलाइन पढ़ाई के लिए सरकार लैपटॉप व टेबलेट भी देगी।
कोरोना संक्रमण काल में अनाथ हुए बच्चों का भविष्य बेहतर बनाने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार ने ले ली है। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत सरकार केयरटेकर को अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए 4000 रुपया प्रतिमाह देगी। जिन बच्चों ने दस वर्ष की कम उम्र में ही अपने मां-बाप को खो दिया है, उनको राजकीय बाल गृह में रखा जाएगा। अवयस्क बच्चियों की देखभाल के साथ और पढ़ाई के लिए उनको कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में रखा जाएगा।
साथ ही 18 अटल आवासीय विद्यालयों में भी उनकी देखभाल की जाएगी। यूपी सरकार अनाथ बालिकाओं की शादी के लिए एक लाख एक हजार रुपया भी देगी। इसके साथ ही स्कूल में पढऩे वाले और व्यवसायिक शिक्षा लेने वाले बच्चों को टेबलेट और लैपटॉप भी दिया जाएगा। उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एलान किया है कि कोरोना की वजह से जिन बच्चो के दोनों पैरंट्स की मौत हो गई है या फिर अभिभावक की मौत हो गई है, उनकी पीएम केयर्स फंड से मदद की जाएगी। 18 वर्ष का होने के बाद ऐसे बच्चों को मंथली स्टाइपेंड दिया जाएगा और 23 वर्ष का होने पर 10 लाख दिए जाएंगे।