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Ghazipur: ताड़ीघाट-मऊ रेलखंड निर्माण का कार्य हुआ प्रभावित

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. एक तरफ कोविड संक्रमण काल तो दूसरी तरफ आर्बिटेशन का दो वर्ष से निबटारा न होने से जिले की महत्वपूर्ण परियोजानाओं में शामिल ताड़ीघाट-मऊ रेलखंड का निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है। स्थिति यह है कि पांच वर्ष में लागत में आठ प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होने से इसकी लागत 80 करोड़ बढ़ चुकी है। 

दिसंबर 2022 तक निर्धारित अवधि मार्च 2023 तक बढ़ा दी गई है। वहीं रेल कम रोड ब्रिज का भी कार्य धीमी गति से चल रहा है। करीब 11 किमी लंबी पहले चरण की परियोजना के तहत शेष निर्माण कार्यों में मिट्टी फिलिंग, इरेक्शन तथा दो वर्ष से जिलाधिकारी के न्यायालय में लंबित आर्बिटेशन के चलते कुछ जगहों पर निर्माण शुरु नहीं हो सका है। रेलवे और कार्यदायी संस्था की मानें तो अगर यही स्थिति रही तो परियोजना समय से पूरा होने में संदेह है। 


जबकि लागत भी दिन पर दिन बढ़ना तय है। इसके पहले रेल कम रोड ब्रिज को दिसंबर 2019 में पूरा होना था। जबकि पहले चरण की पूरी परियोजना दिसंबर 2021 तक निर्धारित थी। पिछले वर्ष के लॉकडाउन और वर्तमान समय में कोरोना कर्फ्यू के चलते इस परियोजना के पूरा होने की तिथि एक बार पुन: तीन माह के लिए बढ़ाते हुए मार्च 2023 तक कर दी गई है। इस परियोजना के तहत 51 किमी ताड़ीघाट से मऊ रेलखंड का विस्तारीकरण किया जाना है, जो दो चरणों पूरा किया जाएगा। इसकी कुल लागत 1766 करोड़ है, लेकिन वर्तमान समय में पहले चरण की परियोजना पर काम चल रहा है। 


इसमें सोनवल से ताड़ीघाट-मेदिनीपुर होते हुए सिटी स्टेशन और घाट स्टेशन तक इसका निर्माण पूरा किया जाना है। हालांकि परियोजना समय से पूर हो इसको लेकर उच्चाधिकारियों द्वारा मानीटरिंग की जाती है। वहीं समय-समय पर तकनीकी एडवाइजरी बोर्ड के चेयरमैन, रेलवे के अधिकारी इंजीनियर मौके पर आकर आवश्यक दिशा-निर्देश देते रहते हैं। मुख्य परियोजना प्रबंधक विकास चंद्रा ने बताया कि कोरोना तथा आर्बिटेशन का निस्तारण न होने से परियोजना काफी प्रभावित हुई है। मार्च 2023 तक पहले चरण की परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए कार्यदायी संस्था को संसाधनों की बढ़ोत्तरी के सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।

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