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पंचायत चुनावों के बाद जिला पंचायत सदस्यों को रोकना छोटे दलों के लिए चुनौती

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। कोरोना संक्रमण कम होने के साथ अध्यक्ष पद के दावेदार फिर जिला पंचायत सदस्यों से संपर्क करने के साथ अपने पक्ष में वोट डलवाने को लेकर गोटी सेट करने लगे हैं। बड़ी पार्टियों का दावा है कि उनके सदस्य पार्टी के साथ हैं, पार्टी जिनकों वोट देने के लिए कहेगी, उसी को वाेट देंगे। मगर छोटे दलों के साथ ऐसा दिखाई नहीं पड़ रहा है। अपना दल और सुभासपा के जिला पंचायत सदस्य दूसरे दलों के संपर्क में हैं। इसको लेकर अपना दल और सुभासपा के वरिष्ठ नेता तेजी दिखा रहे हैं लेकिन जिला पंचायत सदस्य कुछ बोल नहीं रहे हैं, ऐसे में इन दलों को अपने सदस्यों को रोकना चुनौती हो गई है।

पंचायत चुनाव में भाजपा, सपा, कांग्रेस और बसपा के अलावा छोटी पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा), अपना दल (एस) और अपना दल (कृष्णा गुट) के जिला पंचायत सदस्य चुनाव जीते हैं। कुल 40 जिला पंचायत सदस्यों के लिए चुनाव हुआ था। इसमें चिरईगांव ब्लाक की एक महिला प्रत्याशी की मौत हो गई लेकिन वह विजयी हो गई हैं। ऐसे में फिलहाल 39 जिला पंचायत सदस्य ही अध्यक्ष पद की कुर्सी के लिए वोट डालेंगे। अध्यक्ष पद की कुर्सी की दावेदारी में सपा सबसे आगे है। भाजपा भी अध्यक्ष पद की कुर्सी पर कब्जा जमाए रखने का दावा कर रही है। ऐसे में सपा और भाजपा के संभावित प्रत्याशी जिला पंचायत सदस्यों से संपर्क करने के साथ अपने पक्ष में वोट डलवाने का दावा कर रहे हैं। पार्टी भी ऐसे प्रत्याशी का चयन करना चाह रही है जिससे उसे अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़े।


भाजपा और सपा के संभावित प्रत्याशी छोटे दलों के जिला पंचायत सदस्यों से संपर्क करने के साथ अपने पक्ष में वोट डलवाने का दावा कर रहे हैं। छोटे दलाें के जिला पंचायत सदस्य पार्टी के मुखिया और वरिष्ठ नेताओं के आदेश के बगैर खुद उनके संपर्क में हैं। सुभासपा के प्रदेश उपाध्यक्ष शशि प्रताप सिंह का दावा है कि हमारे दोनों जिला पंचायत सदस्य पार्टी के साथ हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष अोमप्रकाश राजभर तय करेंगे कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के किस प्रत्याशी को समर्थन और वोट देना है। चोलापुर विकास खंड के सेक्टर नंबर तीन से बबिता सोनकर और चिरईगांव ब्लाक के सेक्टर नंबर दो से वंदना भारती जिला पंचायत सदस्य हैं। यदि कोई जिला पंचायत सदस्य पार्टी विरोधी काम करता है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही तय हैं।

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