पहले कभी नहीं देखा होगा ऐसा मंजर, घाटों पर लगी शव लदे वाहनों की कतार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. फतेहपुर में कोरोना महामारी से हो रहीं मौतों से भिटौरा के लोग विचलित हैं। जिस मुक्तिधाम में दिन में एक-दो शव अंतिम संस्कार के लिए आते थे, वहां शव वाहनों की कतार लगी है। मंजर देख लोगों के दिल कांप रहे हैं। अर्थी का सामान बेचने वाले भी हैरान हैं। पहले दुकान पर यदा कदा लोग ही आते थे, आज भोर होते ही अंतिम संस्कार की सामग्री के लिए लोग घरों की कुंडी खटखटाते लगते हैं।
भृगुधाम स्थली से सौ कदम दूर रहने वाले बुजुर्ग श्यामलाल बताते हैं कि साठ बरस में ऐसा समय नहीं देखा। पौ फटते ही शव लेकर वाहनों का आने का सिलसिला शुरू होता है और शाम तक यह क्रम जारी रहता है। नदी किनारे अंधेरा होने के बाद भी आग की लपटें दिखाई देती रहती हैं। वह कहते हैं अब तो घाट की ओर देखने में भी डर लगता है। बताते हैं कि सामान्य दिनों में दिन में तीन से चार शव आते थे लेकिन आज 50 से 55 शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है।
मुक्ति धाम से पहले मिठाई की दुकान चलाने वाले रामनरायण का कहना है कि अमावस्या आदि पर भिटौरा घाट में इतने लोग नहीं पहुंचते हैं जितने इन दिनों शवों के साथ अंतिम संस्कार में लोग आ रहे हैं। शवों के साथ कम लोग ही होते हैं लेकिन शवों की संख्या से कारण भीड़ हो जाती है। पक्का तालाब में अर्थी की सामग्री बेचने वाले दुकानदार कहना है कि बीस साल के व्यापार में ऐसा समय नहीं देखा था, इस समय बेहिसाब शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है।
आधी रात फोन कर बुक कराते हैं रथ
हालात इस कदर भयावह हो गए हैं कि मुक्ति धाम रथ के संचालक के पास आधी रात लोग फोन कर रथ एडवांस में बुक कराते हैं। संचालक अशोक तपस्वी बताते हैं कि दिन में करीब सात से आठ चक्कर शव लेकर जाते हैं। कई बार रथ पहले से बुक होने के कारण न चाहते हुए भी इनकार करना पड़ता है। हालत बेहद चिंताजनक व दुःखद हैं, उन्होंने ऐसी दौर कभी नहीं देखा। कई शवों को कंधे देने वाले लोग नहीं मिलते हैं, वह लोगों की मदद करने के साथ कंधा भी देते हैं।