मऊ के जिला अस्पताल में तड़प रहे मरीज, न डाक्टर मिले न ही आक्सीजन
गाजीपुर न्यूज़ टीम, मऊ. मऊ जिला अस्पताल में कुछ दिनों तक व्यवस्था ठीक चलने के बाद शनिवार से व्यवस्था एक बार फिर धड़ाम हो गई। हर जगह से लौटकर जिला अस्पताल आने वाले मरीजों को न तो इलाज मिल सका और न ही आक्सीजन की व्यवस्था हो सकी।
कई मरीजों को वाहनों में लेटाकर उनके परिजन डाक्टर और आक्सीजन के लिए जिला अस्पताल की इमरजेंसी के पास तड़पते रहे, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिल पाई। आक्सीजन आपूर्ति करने वाली मशीन के रेग्यूलेटर में खराबी की बात बताकर मौके पर तैनात फार्मासिस्ट अपनी मजबूरी बताते रहे, जबकि परिजन गिड़गिड़ाते रहे। व्यवस्था चाक-चौबंद होने का दावा करने वाले जिम्मेदार अधिकारी जहां आपात स्थिति आने के बाद मूकदर्शक बन गए हैं, वहीं जनप्रतिनिधियों की जुबान पर ताला लटक गया है।
केस 1 : गाजीपुर के बिरनो थाना क्षेत्र की मिश्रौली निवासी अर्चना गुप्ता एंबुलेंस में पड़ी थीं। उनके स्वजन बार-बार इमरजेंसी का चक्कर लगाकर डाक्टर को ढूंढते रहे, लेकिन एक भी डाक्टर नहीं मिला। मौके पर तैनात फार्मासिस्ट मरीजों को अपनी क्षमता के अनुसार इलाज देते रहे। अर्चना की बहन ने बताया कि फार्मासिस्टों ने कहा कि आक्सीजन का नोजल खराब हो गया है। मरीज कहीं और ले जाइए।
केस 2 : हलधपुर थाना क्षेत्र के पिलखी गांव की तेतरी देवी श्वांस रोगी हैं। पिछले काफी दिनों से उनकी तबीयत खराब थी और उनका इलाज चल रहा था। शनिवार को परिजन आक्सीजन लेवल खराब होने पर जिला अस्पताल लेकर आए। इमरजेंसी के बाहर तेतरी देवी उसी आटो में बैठकर घंटों तड़पती रही, लेकिन ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी आक्सीजन आपूर्ति न होने की बात कह कर हाथ खड़े कर लिए।
अस्पताल में चिकित्सकीय व्यवस्था की कोई कमी नहीं है। आक्सीजन के 30 सिलेंडर हैं, लेकिन इनमें से 18 के रेग्यूलेटर अत्यधिक आक्सीजन सप्लाई के चलते फट गए हैं। जोड़-तोड़ कर काम चलाया जा रहा है। कोविड-19 होने पर मरीजों को कोपागंज या परदहा अस्पताल भेजा जा रहा है।- डा.बृज कुमार, सीएमएस, जिला अस्पताल मऊ।