Ghazipur: जिले में भी दिखने लगा है यास तूफान का असर
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. यास तूफान का असर जिले में भी दिखने लगा है। बुधवार को आसमान पर बादल छाए रहे। वहीं तेज हवाएं भी चल रही थीं। इसे देखते हुए बिजली विभाग पूरी तरह से तैयार है। विभागीय अधिकारियों ने लाइमैनों को तैयार रहने का निर्देश दे दिया है। स्टोर में पर्याप्त संख्या में पोल एवं तार उपलब्ध हैं। हालांकि तूफान से आम की फसल के नुकसान का खतरा पैदा हो गया है। तूफान से आम की फसलों के गिरने के अलाव पेड़ों के भी गिरने का खतरा है। सदर एसडीओ शिवम राय ने बताया कि तूफान के आने की आशंका को देखते हुए सभी तैयारियों कर ली गईं हैं।
फिलहाल छाए रहेंगे आसमान पर बादल
कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक कपिल देव शर्मा ने बताया कि आने वाले पांच दिनों के मौसम पूर्वानुमान के अनुसार बादल छाए रहने की संभावना के साथ 27, 28 व 29 मई को मध्यम से तेज बारिश होने की उम्मीद है। अधिकतम तापमान 36 से 38 और न्यूनतम तापमान 25 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। पूर्वी हवा थोड़ा तेज औसत 18 से 20 किलोमीटर प्रति घंटा से चलने की उम्मीद है।
धान रोपने की आई बारी तो खेतों में जलने लगी पराली
गहमर (गाजीपुर) : खेतों में फसल की कटाई के बाद गेहूं का डंठल (अवशेष) जलाने से किसान बाज नहीं आ रहे हैं। इससे पर्यावरण प्रदूषित होने के साथ ही भूमि की उर्वरा शक्ति भी नष्ट हो रही है। जिला, तहसील व ब्लाक स्तर पर कृषि विभाग की ओर से शिविर लगा कर लोगों को जागरूक किया जाता है। इसके बावजूद किसान ध्यान नहीं दे रहे हैं। गहमर गांव में दर्जनों जगहों पर पराली जलाई गई है।
चारों तरफ केवल धुआं ही दिखाई दे रहा है। जबकि पिछले वर्ष खेतों में फसलों का अवशेष जलाने की वजह से क्षेत्र के कई हिस्सों में अगलगी की घटनाएं भी घट चुकी हैं। किसानों पर प्रशासन के कड़े निर्देशों का भी कोई असर नहीं दिख रहा है। एसडीएम रमेश मौर्य ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण और भूमि की उर्वरा शक्ति को ध्यान में रखते हुए खेतों में अवशेष जलाना अपराध है। ऐसे किसानों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी।