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Ghazipur: ग्रामीण स्तर पर बनेंगे कोविड केयर और हेल्थ सेंटर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. देश में कोविड-19 के बढ़ते प्रसार को रोकने के प्रबंधन के लिए अब कोविड ग्रामीण स्तर पर केयर सेंटर, हेल्थ सेंटर और हॉस्पिटल बनाए जाएंगे, जो पूर्णतया कोविड को समर्पित होंगे। शुरुआत में कोरोना के ज्यादातर केस शहरों में देखने को मिल रहे थे, लेकिन धीरे-धीरे इसका ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रसार देखा जा रहा है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 मामलों के बड़े प्रसार के साथ, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि इन क्षेत्रों में कोविड से बचाव और प्राथमिक स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हों इसीलिए अब ग्रामीण स्तर पर कोविड केयर सेंटर, हेल्थ सेंटर और अस्पताल बनाने की योजना बनाई जा रही है।

एसीएमओ और जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. उमेश कुमार ने बताया कि वर्तमान में ग्रामीण स्तर पर फ्रंटलाइन वर्करों द्वारा सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार इत्यादि लक्षण वाले व्यक्तियों की स्क्रीनिग की जा रही है और उन्हें मेडिकल किट उपलब्ध कराई जा रही है। किट के साथ दिए जा रहे पर्चे में दवाइयों के सेवन का तरीका व दिन लिखा हुआ है। मेडिकल किट के साथ लक्षणयुक्त व्यक्ति को कोविड की जांच के लिए प्रेरित किया जा रहा है, साथ ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच भी कराई जा रही है।


30 बेड का होगा कोविड केयर सेंटर

ग्रामीण स्तर पर बनाई जाने वाले इन केंद्रों की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा निर्देश अनुसार कोविड केयर सेंटर 30 बेड का होगा, जहां पर बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले कोरोना के मरीजों को उपचार के लिए रखा जाएगा। यह एक तरह का आइसोलेशन वार्ड होगा। जिन गांव के घरों में आइसोलेशन की व्यवस्था नहीं होगी, उन मरीजों को यहां रखा जाएगा। यहां मरीजों की सांस संबंधी समस्या और आक्सीजन स्तर की निरंतर मानीटरिग की जाएगी। यह केंद्र स्कूल, कम्युनिटी हाल, विवाह गृह, पंचायत भवन आदि उन जगहो पर बनाया जाएगा, जहां हवा के आवागमन, स्वच्छता और स्वच्छ शौचालय आदि की व्यवस्था हो।


ग्रामीण स्तर पर कोविड के प्रति जागरुकता के लिए ग्राम पंचायत अहम भूमिका निभाएंगी। ग्राम पंचायत के सहयोग से आईसीडीएस विभाग, शिक्षा विभाग, स्वयं सहायता समूह द्वारा कोविड से इस लड़ाई में ग्रामीणों को जागरूक किया जाएगा। जिन रोगियों को मामूली लक्षण हो उन्हें 10 दिन बाद आइसोलेशन से बाहर आने की इजाजत दी जाएगी। अगर तीन दिन तक उन्हें बुखार न आए तो ग्राम स्तर पर स्वच्छता का खास ध्यान रखा जाएगा।

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