हरी सब्जियों के भाव गिरने से किसान चिंतित, मंडियों में सब्जियों की पहुंच भी प्रभावित
गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया. हरी सब्जियों के भाव कम हो गए हैं। इसके कारण सब्जी उत्पादक किसानों की कमर टूट गई है। कोरोना संक्रमण के चलते यहां से हरी सब्जियां बाहर नहीं जा पा रही हैं। वहीं लॉकडाउन के चलते लगन में भी बिक्री बढ़ी नहीं बल्कि कम हो गई है। वैवाहिक समारोहों में पाबंदियों के कारण बाजार में सब्जियों की खपत काफी कम हो गई है। ऐसे में किसान दिन भर मंडियों में बैठे रहते हैं लेकिन ग्राहक नहीं मिल रहे हैं।
सब्जी मंडी में भिंडी तीन रुपये किलो, करैला चार रुपये किलो, लौकी एक रुपये की एक, बोड़ा तीन रुपये किलो और परवल 10 रुपये किलो बिक रहा है। फिर भी हरी सब्जियों के स्टाक के सापेक्ष ग्राहकों की संख्या काफी कम है। दोपहर बारह बजे तक मंडी में 50 फीसद सब्जी भी नहीं बिक पाती है।
किसान बोले :
मठिया के सब्जी उत्पादक रोशन सिंह का कहना है कि भंडारण और सब्जियों को दूसरे शहरों में भेजने की व्यवस्था नहीं होने के कारण औने-पौने दामों में किसान उत्पाद बेचने को विवश हैं।
उमेश सिंह का कहना है कि गुरुवार व शुक्रवार को हुई बारिश से हरी सब्जियों की खेती को काफी लाभ हुआ है लेकिन बाजार की स्थिति चिंताजनक हो गई है।
किसान रामेश्वर पांडेय का कहना है कि अधिकांश किसानों की सब्जियां नहीं बिक पा रही हैं। प्रशासन को बाहर के शहरों में हरी सब्जियां पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए अन्यथा किसान बर्बाद हो जाएंगे।
बीरपाल सिंह का कहना है कि एक लौकी जिसका मूल्य यहां एक रुपया है वह आज भी नोएडा व दिल्ली में 40 से 50 रुपये में बिक रही है। यहां के किसानों की सब्जियां नोएडा व दिल्ली में भेजवाने की व्यवस्था कर दी जाए तो उचित मूल्य प्राप्त होगा।