Ghazipur: नए कृषि कानून के विरोध में किसानों ने मनाया काला दिवस
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का विरोध एक बार फिर तेज हो गया है। किसान संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर गाजीपुर में कम्युनिष्ट पार्टी और किसान संगठनों ने काला दिवस मनाया। मोर्चा के बैनर तले किसान फिर दिल्ली में छह माह से धरनारत किसानों की मांगों को बुलंद किया। वहीं केंद्र सरकार में काबिज पीएम नरेंद्र मोदी के सात साल पूरे होने पर भी विरोध दर्ज कराया। उनके इस कार्यकाल की नीतियों को कोसते हुए काले झंडे लहराए, घर और कार्यालय में उनको लगाकर देश के किसानों के हितों की मांग की। वहीं दूसरी ओर भुडकुडा में जिलाध्यक्ष गुलाब सिंह और किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा को प्रशासन ने हाउस अरेस्ट कर लिया था, इसके बावजूद जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुआ।
गाजीपुर में बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ 26 मई को देशभर में काला दिवस मनाने का आह्वान किया। आज ही के दिन विरोध प्रदर्शन के छह महीने पूरे होने पर जिले के किसान नेताओं ने जनपद वासियों से समर्थन मांगा। अपने घर और वाहन पर काला झंडा लगाने और मोदी सरकार का विरोध भी किया। आंदोलन को लेकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी सतर्क और सजग दिखे। इसके बाद पुलिस ने स्टेशन रोड, तुलसी सागर समेत कम्युनिष्टपार्टी के कार्यालयों पर पहरा लगा दिया। शहर से लेकर देहात तक जगह-जगह किसान नेताओं को हाउस अरेस्ट कर लिया। इसके बाद स्टेशन रोड के भारद्वाज भवन पर उत्तर प्रदेश किसान सभा के पदाधिकारी जुटे और बैठक की। सरकार की नीतियों पर विरोध जताते हुए काले झंडे लगाकर काला दिवस मनाया। कृषि कानून को काला कानून बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की। उप्र किसान सभा के जिला सचिव अमेरिका सिंह यादव, प्रांतीय महामंत्री राजेंद्र यादव, जिलाध्यक्ष जर्नादन राम, रामबदन सिंह, ईश्वरलाल गुप्ता, रामकेर यादव, घूरा यादव शामिल रहे।
इसके अलावा तुलसीसागर लंका पर भी किसान संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर किसान आंदोलन के छः माह पूरा होने, तथा मोदी सरकार के सात साल पूरा होने पर विरोध दिवस मनाया गया। कार्यालय के बाहर और अंदर कार्यकर्ताओं ने काले झंडे लगाए। इसके अलावा जखनिया बाजार स्थित सीपीआई एम कार्यालय से 50 मीटर पश्चिम नीम के पेड़ के नीचे जिलाध्यक्ष विजय बहादुर सिंह के नेतृत्व में 25 से अधिक पदाधिकारी और कार्यकर्ता 11:15 बजे से धरने पर बैठे। उन्होंने सरकार की नीतियों पर बिंदुवार खामियां बताई और विरोध किया। इसमें विजय बहादुर सिंह, वीरेन्द्र गौतम, नसीरुद्दीन, राम दरश यादव, राव वीरेन्द्र, मारकण्डेय, राम अवध आदि शामिल रहे।
काले झंडे पर लगाई रोक तो काली पट्टी बांधकर विरोध
किसान संघर्ष मोर्चा की ओर से किसान आंदोलन के छः माह पूरा होने और केंद्र में मोदी सरकार के सात साल का काला दिवस के रूप मनाया गया। तुलसी सागर लंका,बघरी, हथौड़ा, खानपुर, करवनिया डेरा गैबीपुर,गहमर,बसुका में किसान नेताओं ने बैठक कर विरोध दर्ज कराया। पुलिस प्रशासन ने काले झंडे पर सख्ती और रोक लगाई तो काली पट्टी बांध कर विरोध का काला दिवस मनाया गया।
अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि मोदी सरकार का सात साल किसान और मजदूर विरोधी रहे हैं। इस दौरान बेरोजगारी बढ़ाने, रोजगार के अवसर ख़त्म करने के हालात दिखे। देश में चिकित्सा सेवाएं ध्वस्त हो गई और आक्सीजन, बेड और वेंटिलेटर के अभाव में लाखों लोगों की जान गई। मोदी सरकार बेखबर होकर चुनाव में जुटी रही और पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने की योजना बनाने में लगीं रहीं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने किसान विरोधी कृषि कानूनों को रद्द करने, ठेला खोमचा के गरीबों को रोजगार मुहैया कराने, दस हजार रुपए लाकडाउन गुजारा भत्ता देने, अस्पतालों में दवा आक्सीजन वेंटिलेटर एम्बुलेंस और डाक्टर की चौबीस घंटे व्यवस्था करने की मांग की। इस दौर में कोरोनावायरस से हुई मौतों को कोरेना से रिलेटेड मानकर दस लाख रुपए मुआवजा देने की अपील की। कार्यक्रम को नंदकिशोर बिंद, आजाद यादव कन्हैया बिंद मूल चंद प्रजापति शिवकुमार कुशवाहा जयकिशन मौर्य, विजयी चंद्रावती, रोहित बिंद अखिलेश, भरथपासी सदानंद, मौर्य, गोरख राजभर, योगेन्द्र भारती, माले जिला सचिव रामप्यारे राम ने सम्बोधित किया।