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यास चक्रवात का असर शुरू, जानिए तूफान के असर से बचने का उपाय

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. पूर्वांचल के जिलों में यास चक्रवात का प्रभाव अब साफ देखा जा सकता है। सुबह से ही तेज हवाएं चलनी शुरू हो गईं हैं, जबकि क्षोभमंडल के सबसे ऊपरी हिस्से में बादल कल रात से ही वाराणसी समेत पूरे पूर्वांचल के ऊपर मंडराने लगे हैं। माैसम विभाग की माने तो आज से ही बारिश हो सकती है, मौसम विज्ञानियों का कहना है कि आज महज तेज हवाएं ही चलेंगी। चक्रवात आज उड़ीसा, बालासोर और बंगाल के तट से टकराएगा तो उसके करीब 18-24 घंटे के अंदर बनारस में जोरदार बारिश शुरू हो जाएगी।

मौसम विभाग ने अंदेशा जताया है कि बनारस में करीब पांच दिन तक बारिश हो सकती है तो वहीं बीएचयू के वैज्ञानिकों का कहना है कि दो दिन ही अच्छी वर्षा हो सकती है। इस बीच आज सुबह बनारस का तापमान अधिकतम 29 डिग्री, जबकि न्यूनतम 23 डिग्री सेल्सियस पर रहा। बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज श्रीवास्तव के अनुसार आज तेजी से मौसम खराब होगा। इस बीच स्वास्थ्य के प्रति लोगों को गंभीर रहने की जरूरत है। मच्छरों और इंफेक्शन की समस्या बढ़ सकती है वहीं पानी में भींगना भी काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है। बता दें कि यास चक्रवात बहुत गति से उड़ीसा के तटों पर बारिश करा रहा है। अब यह बंगाल और बिहार की ओर तेजी ये बढ़ रहा है।


गिरने वाली है बिजली, होता है अंदेशा : शरीर के रोएं का खड़ा होना और त्वचा में झुरझुरी का मतलब आपके आस-पास बिजली गिरने वाली है, जिला प्रशासन और जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने चेताया। मौसम के देखते हुए वाराणसी जिला प्रशासन ने तमाम सावधानियां और दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिला प्रशासन ने बताया कि भारत मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा 26 व 27 मई को गर्जन के साथ बिजली चमकने और तेज हवा चलने की संभावना व्यक्त की गयी है। वहीं जिला आपदा प्रबंधन ने भी चेताया है कि बारिश व वज्रपात के दौरान कैसे सावधान रहे। बताया है कि शरीर के बालों का खड़ा होना और त्वचा में झुरझुरी महसूस होना बताता है कि आपके आस-पास बिजली गिरने वाली है। वहीं बादलों की गड़गड़ाहट में मोबाइल न चलाए।


आंधी तूफान व चक्रवात से पहले क्या करें 

शांत रहें, घबराएं नही व अफवाहों ध्यान न दें। संपर्क क्षेत्र में बने रहने के लिए अपने मोबाइल फोन चार्ज रखें और मोबाइल एसएमएस का इस्तेमाल करें। अपने जरूरी कागज व कीमती सामान एक जलरोधक थैले में रखें। एक आपदा किट अवश्य तैयार रखें, जिसमें सुरक्षित रहने का आवश्यक सामान हो। बच्चों और बुजुर्गों के लिए पूर्व में ही दूध और दवा का प्रबंध कर लें। टार्च एवं सोलर लाइट घर में अवश्य रखें। अपने घरों, इमारतों में जरूरी मरम्मत कराएं व नुकीले सामान को खुला न छोड़े। मवेशियों व पशुओं असुरक्षित स्थान पर बांधकर न रखें। 


आंधी तूफान या चक्रवात के दौरान

यदि आप घर के अंदर हैं तो क्या करें : बिजली का मेन स्विच और गैस सप्लाई के साथ ही दरवाजे एवं खिड़की भी बंद कर दें। उबला हुआ या क्लोरीनयुक्त पानी ही पिएं। सिर्फ अधिकारिक चेतावनी पर ही विश्वास करें और अफवाहों पर ध्यान न दें। यदि आप बाहर हैं तो क्षतिग्रस्त इमारत में न जाएं। बिजली के खंभों, तारों व दूसरी नुकीली चीजों से बच कर रहे। जल्द से जल्द किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचे। खासकर नाविक और मछुआरे मौसम खराब होने पर नदी में नाव को न ले जाएं। नावों को सुरक्षित जगह पर बांध कर रखें। 


बिजली और बारिश के दौरान इन बातों का रखे ध्यान : बिजली गिरने का दृश्य खिड़की से न देखें। बादलों की गड़गड़ाहट का तेज व बार-बार होना बड़े खतरे की सूचना है। ऐसा होने पर बिजली से चलने वाले मुख्य उपकरण जैसे फ्रिज, कंप्यूटर, टेलीविजन आदि को सुरक्षित जगह पर रखे। बिजली का कनेक्शन काट दें। वहीं मोबाइल का उपयोग न करें। बिजली गिरने के दौरान नल से होकर आ रहे पानी का उपयोग न करें, क्योंकि पानी में पानी करंट भी आ सकता है। घर में तड़ित चालक स्थापित करवायें। आपातकालीन सेवाओं का फोन नंबर पास रखें। लंबे पेड़, खंभो या धातु की वस्तुओं से दूर रहें, यह वज्रपात को आकर्षित करते हैं। वज्रपात के कारण घायल हो गये व्यक्ति को छूना पूर्णतः सुरक्षित हैं, इससे झटका नहीं लगता है। वज्रपात से घायल व्यक्ति को तत्काल अस्पताल ले जायें। कंक्रीट के फर्श पर न लेटे और कंक्रीट की दीवारों का सहारा न लें, बिजली गिरने के दौरान करंट प्रवाह हो सकता है। अगर आप तालाब, नदी, नहर तथा खेत में सिंचाई कर रहे हो तत्काल वहा से बाहर निकल कर सुरक्षित स्थान पर चलें जायें।

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